टायर हमेशा काले रंग के ही क्यों होते हैं? वजह सिर घुमाने वाली
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टायर हमेशा काले रंग के ही क्यों होते हैं? वजह सिर घुमाने वाली

टायरों का रंग हमेशा काला ही क्यों होता है जबकि टायर जिस रबड़ से बनते हैं वह सफेद रंग की होती है? तो आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या है कि टायर कभी काले के अलावा अन्य रंगों के नहीं होते हैं. 

टायर हमेशा काले रंग के ही क्यों होते हैं? वजह सिर घुमाने वाली

नई दिल्लीः ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में आए दिन कार-बाइकों के नए-नए मॉडल लॉन्च होते रहते हैं लेकिन क्या आपने कभी नोटिस किया है कि सभी वाहनों के टायर काले रंग के ही क्यों होते हैं? दरअसल इसके पीछे की वजह वैज्ञानिक है और आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे कि टायरों का रंग हमेशा काला ही क्यों होता है. 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि टायर रबड़ से बनते हैं और रबड़ का रंग सफेद होता है फिर सवाल उठता है कि टायरों का रंग काला क्यों होता है? दरअसल सिर्फ रबड़ से बने टायर इतने मजबूत नहीं होते हैं कि वह भारी-भरकम वाहन का वजन उठा सकें. ऐसे में रबड़ में एक तत्व मिलाया जाता है, जिससे टायरों को मजबूती मिलती है. यह तत्व है कार्बन ब्लैक. 

कार्बन ब्लैक को रबड़ में  मिलाया जाता है, जिसके चलते रबड़ का रंग काला हो जाता है. साथ ही इससे रबड़ में मजबूती आती है और टायरों ज्यादा चलते हैं. इसके अलावा कार्बन ब्लैक से आग टायरों से दूर रहती है. जब जून के महीने में सड़कें भी गर्मी से तप जाती हैं, ऐसे में मौसम में भी गाड़ियों के टायर बिना किसी परेशानी के सड़कों पर दौड़ते हैं.

कार्बन ब्लैक टायरों को ओजोन और यूवी रेडिएशन से भी बचाता है. टायर किसी भी गाड़ी का सबसे अहम पार्ट होते हैं. किसी भी गाड़ी का परफॉर्मेंस टायरों पर काफी निर्भर करता है. इसलिए टायरों में कार्बन ब्लैक मिलाया जाता है. 

क्या होता है ब्लैक कार्बन
ब्लैक कार्बन एक तरह का एयरोसोल होता है. यह गैस और डीजल इंजन, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों और जीवाश्म ईंधन को जलाने वाले स्त्रोतों से मिलता है. इसमें पर्टिकुलेट मैटर पाया जाता है, जो वायु प्रदूषण करता है. दुनियाभर में ग्लेशियर के तेजी से पिघलने के पीछे के कारणों में से एक प्रमुख कारण ब्लैक कार्बन को भी बताया जा रहा है. 

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