world arthritis day: साउंड हीलिंग से ठीक किया खुद का गठिया, कभी पैदल भी चलना था मुश्किल
28 साल की उम्र में जिस महिला को गठिया हुई, बिच्छू के डंक से जिसका इलाज होता था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तब उन्होंने साउंड हीलिंग को अपनाया और फिर जैसे उनकी दुनिया ही बदल गई. आज 30 साल बाद भी वह न सिर्फ अपने पैरों पर चल सकती हैं बल्कि और भी लोगों की मदद कर रही हैं. इनका नाम है डॉ. आरती सिन्हा, जो मध्य प्रदेश के भोपाल में साउंड हीलिंग पर काम कर रही हैं.
नई दिल्ली: आज 12 अक्टूबर को 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे' है. ये एक ऐसी बीमारी है जिसका दुनिया में कोई इलाज नहीं है. लेकिन इस बीमारी को साउंड हीलिंग से काबू में करने का काम एक ऐसी महिला ने किया जो खुद 28 साल की उम्र में इससे पीड़ित थी और आज 30 साल बाद वह पूरी तरह इससे ठीक हुई हैं. उन महिला का नाम है डॉ. आरती सिन्हा जो पहले मुंबई में रहती थीं और अब भोपाल में साउंड हीलिंग को एक नया मुकाम दे रही हैं. Zee डिजिटल मीडिया ने उनसे बात की और जाना कि कैसे ये असंभव काम उन्होंने किया.
बिच्छू के डंक से होता था इलाज
इस बारे में डॉ. आरती सिन्हा ने कहा,"शादी के बाद मुझे 28 साल की उम्र में अर्थराइटिस यानी गठिया हो गया था. इसके इलाज के लिए बहुत भागदौड़ करनी पड़ी. मेरे पति मुझे गोदी में उठाकर चलते थे. मैं चल ही नहीं पाती थी. मेरा इलाज बिच्छू के डंक से भी होता था लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था. तब उनका वास्ता आर्ट ऑफ लिविंंग से पड़ा है. वहां उन्होंने स्थापित चिकित्सा पद्धति की जगह वैकल्पि चिकित्सा पद्धति को अपनाया और उससे उन्हें फायदा होना शुरू हुआ."
फिर से पैरों पर हुईं खड़ी
डॉ. सिन्हा ने आगे बात करते हुए कहा," साउंड हीलिंग की मदद से जब उनका गठिया ठीक होना शुरू हुआ तो फिर इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला किया. वह रोजाना 45 मिनट का साउंड हीलिंग सेशन और 2 घंटे मेडिटेशन करती हैं. आज 30 साल हो गए हैं उस बात को. अब न सिर्फ मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ी हूं, बल्कि और भी लोगों को इसके लिए प्रेरित कर रही हूं. कोरोना में 10 से 15 हजार लोगों को साउंड हीलिंग का लाभ दे चुकी हूं. ब्राजील और बांग्लादेश के कैंसर पेशेंट भी मुझसे साउंड हीलिंग करवा चुके है."
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का खिताब भी इनके नाम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह भी इनके काम की सराहना कर चुके हैं. गुलजार, पीयूष मिश्रा, सुष्मिता मुखर्जी ने भी इनसे माइंड रिलेक्सेशन के लिए साउंड हीलिंग करवाई है. इनका भोपाल में विजार्ड ऑफ साउंड नाम से क्लिनिक भी है जहां ये देशी और विदेशी सभी तरह के मरीजों को देखती हैं. इन्होंने एक साथ 1313 स्टूडेंट्स को मेडिटेशन कराया जिस वजह से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का खिताब भी इनके नाम हुआ है.
साउंड हीलिंंग के साथ और भी कई क्षेत्रों में रखती हैं दखल
डॉ. आरती सिन्हा न सिर्फ साउंड हीलिंग में दखल रखती हैं बल्कि फर्स्ट लेडी गॉन्ग हीलर, चक्रा हीलिंग, चक्रा मेडिटेशन, प्राणिक हीलिंग, रेकी ग्रांडमास्टर, टैरो मास्टर, न्यूमेरोलॉजिस्ट एस्ट्रोलॉजिस्ट, ग्राफोलॉजिस्ट, न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग भी हैं. उन्होंने 25 सालों में देश और विदेशों से इसके कोर्स भी किए हैं, खासकर जर्मनी से. ऑनलाइन म्यूजिक और वेलनेस कार्यक्रमों से भी वह जुड़ी रहती हैं.
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