भोपाल: भाजपा की फायर ब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराब बंदी अभियान ने नई आबकारी नीति को लेकर सरकार को उलझा दिया है. सूत्रों की मानें तो नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए अब नई आबकारी नीति 1 अप्रैल की बजाय 1 जुलाई से लागू करने पर विचार किया जा रहा है.अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से चर्चा करने के बाद ही लिया जाएगा.


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आपको बता दें कि वैसे तो आबकारी महकमे को 15 मार्च से पहले टेंडर की प्रक्रिया पूरी करनी होती है, जिससे आगामी वित्तीय वर्ष (1अप्रैल से 31 मार्च) में शराब के ठेके 1 अप्रैल से शुरू हो सकें. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 8 मार्च से शराब बंदी अभियान शुरु करने का ऐलान करके सरकार को उलझन में डाल दिया है.


यदि ऐसे में सरकार नई आबकारी नीति लाती है तो निकाय चुनाव में शराब बंदी मुददा बन सकता है.शायद इसी को देखते हुए सरकार इस नीति को चुनाव के बाद यानि 1 जुलाई को लागू करने का विचार कर रही है.


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गृह मंत्री के बयान के बाद शुरू हुआ था बवाल
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पिछले महीने अवैध शराब की रोकथाम के लिए प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर बयान दिया था. जिसके बाद विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया था. इतना ही नहीं खुद पार्टी की ही नेता उमा भारती ने शराब बंदी को लेकर अभियान का ऐलान कर दिया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा था कि नई शराब दुकानें खोलने का फिलहाल कोई विचार नहीं है. बावजूद इसके आबकारी विभाग ने नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव कलेक्टरों से मांगने के लिए पत्र भेज दिया था. हालांकि बाद में इसे वापस ले लिया था.


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