Chandu Champion: पहले देश के लिए खाईं नौ गोलियां, फिर दिलाया पहला गोल्ड मेडल, जानिए असली `चंदू चैंपियन` की कहानी
फिल्म `चंदू चैंपियन` काफी हद तक भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित है. जिसमें कार्तिक आर्यन ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है, तो आइए आज हम आपको बताते हैं मुरलीकांत पेटकर की कहानी...
चंदू चैंपियन
चंदू चैंपियन फिल्म की बात करें तो यह फिल्म काफी हद तक भारत के पहले पैरालंपिक तैराक (first paralympic swimmer) मुरलीकांत पेटकर के जीवन से प्रेरित है. आपको बता दें कि फिल्म में कार्तिक आर्यन ने मुरलीकांत पेटकर जैसा किरदार निभाया है. यह फिल्म 14 जून 2024 को रिलीज होगी.
बचपन से ही खेलों में झुकाव
बता दें कि मुरलीकांत का जन्म 1944 में महाराष्ट्र के सांगली जिले में हुआ था. बचपन से ही उनका खेलों में झुकाव था.
नौ गोलियां लगीं
सितंबर 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, मुरलीकांत को नौ गोलियां लगीं. भारत पर पाकिस्तान के हवाई हमले के दौरान पेटकर की जांघ, गाल और खोपड़ी में नौ गोलियां लगीं. यहां अफरा-तफरी के बीच सेना की एक जीप उनके ऊपर से गुजर गई.
जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई
बता दें कि इस घटना के बाद मुरलीकांत की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई. उन्हें दिव्यांग घोषित कर दिया गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
पहला स्वर्ण पदक जीता
मुरलीकांत ने स्विमिंग में अपना करियर बनाया और 1972 में जर्मनी में हुए पैरालिंपिक खेलों में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता.
सम्मान के लिए संघर्ष
मुरलीकांत ने कई चुनौतियों का सामना किया. उन्हें सम्मान और पहचान के लिए संघर्ष करना पड़ा. 1982 में, उन्होंने अर्जुन पुरस्कार के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया.
2018 में पद्म श्री
हालांकि, 2018 में मुरलीकांत पेटकर को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.