प्रकाश शर्मा/जांजगीरः कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना की राशि मध्य प्रदेश के 9 करोड़ किसानों के खाते में डाली थी. लेकिन, छत्तीसगढ़ से मामला सामने आया है जहां 14 हजार से ज्यादा किसानों के बैंक खाते में सम्मान निधि की राशि अब तक पहुंची ही नहीं है. बताया गया है कि इन किसानों के बैंक खातों में गड़बड़ी पाई गई है. जिस वजह से सम्मान निधि के करोड़ों रुपये अटके हुए हैं.


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दस्तावेजों में गलतियों की वजह से हो रही दिक्कत
जांजगीर चांपा जिले के किसानों का कहना है कि बाकी लोगों के खाते में सम्मान निधि का पैसा आ चुका है. लेकिन उनके खाते में राशि जमा नहीं हुई है. अधिकारियों का कहना है कि किसानों के दस्तावेजों में अकाउंट नंबर और आधार कार्ड में अलग-अलग नाम है. जिस कारण किसानों का रजिस्ट्रेश फेल हो गया और उनके खाते में सम्मान निधि की राशि अब तक जमा नहीं हो सकी है.


बार-बार लगाने पड़ रहे चक्कर
दस्तावेजों में नाम सुधरवाने के लिए किसानों को लगातार कृषि विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. कृषि विभाग भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए किसानों के दस्तावेजों को सुधारने में लगा हुआ है.


कैसे मिलता है पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार ने 2018-19 में शुरू की थी. इसमें 5 हेक्टेयर तक के किसानों को तीन किस्तों में 6 हजार रुपए की राशि दी जाती है. एक किस्त 2 हजार रुपये की होती है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पहले वेबसाइट पर पंजीयन कराना होता है. पंजीयन में बैंक अकाउंट नंबर, आधार नंबर, समिति का नाम, पता आदि जानकारी भरनी होती है.


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आवेदन वेरिफिकेशन का सिस्टम है समस्या
किसानों द्वारा दस्तावेज जमा कराने पर उनका रजिस्ट्रेशन होता है. फिर उन दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होता है, वेरिफिकेशन में दस्तावेज सही पाए जाने के बाद ही किसानों के खाते में राशि डाली जाती है. इस वक्त जांजगीर चांपा जिले के 14,787 किसानों को भी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन सिस्टम में पास नहीं हो रहे हैं.


जिले में 3 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन
बता दें कि अकेले जांजगीर चांपा जिले में ही 3 लाख से ज्यादा किसानों ने पीएम सम्मान निधि योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया है. जिनमें से अब तक कुल 29,580 किसानों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा है. सम्मान निधि योजना की वेबसाइट में ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन सिस्टम लगा है, जिसमें किसानों के दस्तावेजों को चेक किया जाता है. दस्तावेजों में नाम अलग होने के कारण इन किसानों की आई़डी पास नहीं हो रही है.


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14,793 किसानों की समस्या का हुआ समाधान
जानकारी मिली है कि 14,793 किसानों के खाते में सुधार कर उनके खातों में पैसे डाले गए हैं. वहीं 14,787 किसानों को अभी भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कृषि विभाग के डीडीए एमआर तिग्गा ने कहा है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की समस्या का हल ढूंढा जा रहा है. आधे किसानों के खातों में सुधार कर लिया गया है. बाकी किसानों की जानकारी में सुधार कर उनके खातों में भी जल्द ही राशि भेज दी जाएगी.


MP में सामने आ चुका है सम्मान निधि वापस लेने का मामला
छत्तीसगढ़ में किसानों को तकनीकी समस्या के कारण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लेकिन मध्य प्रदेश के सीहोर में थोड़ा अलग तरह का मामला सामने आया था. जहां 6 हजार से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि वापस देने के लिए आधिकारिक नोटिस भेजा गया.


दरअसल, वहां किसानों के खाते में पहले योजना के रुपये डाले गए, फिर उन्हें डॉक्यूमेंट लाने के लिए कहा गया. अब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के समय पता चला कि 6 हजार से ज्यादा किसान, योजना  के लिए अपात्र है. जिनके खाते में पैसा चले गया है, ऐसे में प्रशासन ने उन्हें योजना की राशि लौटाने के लिए नोटिस भेजा.


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