करतार सिंह राजपूत/मुरैना: हमने अकसर लोगों को पुलिस के बारे में बुरा ही बोलते हुए सुना है, मगर मुरैना के आर आई केपीएस तोमर ने कुछ ऐसा किया, जिससे हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है. उन्होंने एक रोती-बिलखती वृद्ध मां को कई महीनों बाद उसके परिवार से मिलाया है.


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दरअसल मुरैना पुलिस भटकी हुई एक वृद्ध महिला को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में उसके घर पहुंचाने जा रही है. जो मई-जून में अपने मायके महाराष्ट्र गई थी. वहां से लौटते वक्त गलत ट्रेन में बैठने के कारण वह मुरैना पहुंच गई और तब से अपने परिवार से दूर है.


कुछ दिन मांगी भीख, फिर पहुंची वृद्धा आश्रम
बुजुर्ग महिला कुछ दिनों तक रेलवे स्टेशन पर भीख मांग-मांगकर अपना गुजारा करती रही और लोगों से अपने घर पहुंचाने की अपील करती रही. लेकिन किसी को उस बेबस वृद्ध मां की भाषा समझ में नहीं आयी. रोती-बिलखती वृद्धा का दुख देखकर कुछ समाजसेवी आगे आए और उसे वृद्धाश्रम पहुंचा दिया.


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यहां भी वह अपने घर जाने की अपील करती रहती थी, मगर उसकी भाषा ना समझ आने के कारण कोई उसकी मदद ना कर पाया. जब इसकी जानकारी आर आई  केपीएस तोमर को मिली तो वह बुजुर्ग के घर-परिवार का पता लगाने में जुट गए. वह छत्तीसगढ़ी बोलती थी लेकिन आर आई ने उसकी भाषा को समझने का प्रयास किया और पता चला कि वह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के चिखली गांव की रहने वाली हैं. 


लोकल व्हाट्सएप ग्रुप में भेजी गई बुजुर्ग महिला की फोटो
आर आई द्वारा राजनंदगांव के चिखली गांव के लोकल व्हाट्सएप ग्रुप में उसकी फोटो और डिटेल वायरल कराई गई. साथ ही जिले की चिखली पंचायत के करीब 15000 लोगों की वोटर सूची खंगाली गई. तब जाकर पुलिस को वृद्धा की बहू और बेटों की जानकारी मिली. पुलिस ने वृद्ध महिला की उसके बेटे और पोती से वीडियो कॉल के जरिए बात कराई. परिवार अपनी मां को जिंदा पाकर बेहद खुश है. 


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