भोपाल: मध्य प्रदेश में कोविड-19 की वैक्सीनेशन की तैयारियों को परखने के लिए राज्य में 2 जनवरी से Dry Run की शुरुआत हो रही है. राजधानी भोपाल के 3 पॉइंट पर वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर मॉकड्रिल होगा. इससे पहले देश के चार राज्यों असम, आंध्र प्रदेश, गुजरात और पंजाब में कोविड-19 वैक्सीन का ड्राय रन 28-29 दिसंबर को हुआ था. गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को कोविड वैक्सीनेशन की तैयारियों को पुख्ता करने और टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले व्यवस्थाओं के ट्रॉयल के लिए ड्राय रन कराने का निर्देश जारी किया था.


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को-विन प्लेटफॉर्म पर होंगे रजिस्ट्रेशन
केंद्र के निर्देश के तहत मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तयशुदा केंद्रों पर लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज देने की मॉकड्रिल की जाएगी. इसमें लाभार्थियों का को-विन आईटी प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करवाने. इसके बाद उन्हें मैसेज के जरिए कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए वक्त और जगह के बारे में बताने इत्यादि की प्रैक्टिस होगी. इस ड्राय रन के लिए विस्तृत चेक लिस्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार की है. इसे राज्यों के साथ साझा किया गया है. ड्राय रन शुरू करने से पहले वैक्सीनेशन के काम में लगने वाले कर्मचारियों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया. को-विन ऐप की भी जांच-परख की गई कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं. 


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मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव में शामिल होने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. अब इन तैयारियों को परखने की पहल ड्राय रन के जरिए हो रही है, क्योंकि वैक्सीन कभी भी आ सकती है. ड्राय रन के जरिए वैक्सीनेशन के काम में लगने वाले स्टाफ की तैनाती, वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन की व्यवस्थाओं, ट्रांसपोर्टेशन इत्यादि का परीक्षण किया जाएगा. ताकि जब रियल वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो तो किसी प्रकार की दिक्कत पेश न आए. वैक्सीनेशन के प्रोटोकॉल और इनके पालन के तरीके को भी मॉकड्रिल में परखा जाएगा. 


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क्या है ड्राय रन या मॉ​कड्रिल?
यह ​किसी बड़े टीकाकरण अभियान को शुरू करने से पहले उसकी रिहर्सल की तरह है. इसमें कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद इसे किस तरह से टीका केंद्रों तक पहुचाया जाएगा, लोगों को कैसे मैनेज किया जाएगा, इसकी क्या तैयारियां होनी हैं? इन तमाम चीजों का परीक्षण मॉकड्रिल में होगा. इसके जरिए यह भी देखा जाएगा कि वैक्सीनेशन के दौरान क्या-क्या अड़चनें आ सकती हैं और उन्हें किस तरह से दूर किया जाना चाहिए. मॉकड्रिल से जो कमियां निकलकर सामने आएंगी उन्हें रियल वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होने से पहले दूर कर लिया जाएगा. ड्राय रन में वास्तविक वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं होता है, वैक्सीन को छोड़कर इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाओं का वास्तविक आधार पर परीक्षण किया जाता है. 


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ऐसे होगा लोगों का रजिस्ट्रेशन
कोरोना की वैक्सीन जिन्हें दी जानी है पहले उनका रजिस्ट्रेशन को-विन ऐप पर होगा. को-विन एक वेबसाइट और ऐप दोनों की शक्ल में रहेगा. मध्य प्रदेश में पहले चरण के वैक्सीनेशन के लिए करीब 4 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन को-विन के जरिए हो चुका है. रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर और एक फोटो आईडी जरूरी होगा. आईडी में कई विकल्प दिए जा रहे हैं. वैक्सीनेशन के बाद इसी ऐप पर सर्टिफिकेट भी जनरेट हो जाएगा. 


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वैक्सीनेशन सेंटर कैसा होगा जानें?
जिन सेंटरों में वैक्सीन लगाई जानी है उनमें तीन कमरे होंगे. पहला कमरा वेटिंग रूम होगा, जहां वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी. दूसरे कमरे में वैक्सीन लगाई जाएगी और तीसरा कमरा ऑब्जर्वेशन रूम होगा. जहां पर वैक्सीन लगने के बाद लाभार्थी को कुछ देर रुकना होगा, ताकि किसी तरह की दिक्कत होने पर चिकित्सकीय सहायता दी जा सके. कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए हर साइट सेंटर पर पांच लोग रहेंगे.


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