राष्ट्रपति से सम्मानित महिला कांस्टेबल के साथ चलती ट्रेन में हुई छेड़छाड़, ट्वीट कर मांगी थी मदद
छेड़छाड़ करने वाला एक अस्टिटेंट प्रोफेसर है, जो ट्रेन के जनरल बोगी में ही सवार था.
सत्य प्रकाश, रायपुर: गरीबों की मसीहा के नाम से मशहूर और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त दुर्ग की आरक्षक स्मिता तांडी के साथ ट्रेन में छेड़छाड़ और बदतमीजी का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक यह वारदात उस वक्त हुई, जब वो एक शादी समारोह से साउथ बिहार ट्रेन से लौट रही थीं. महिला आरक्षक के साथ छेड़छाड़ की यह वारदात बिलासपुर-भाटापारा के बीच चलती ट्रेन में घटी. जानकारी के मुताबिक छेड़छाड़ के आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है. आपको बता दें कि सोशल मी़डिया के जरिए गरीब मरीजों का इलाज कारवाने वाली पुलिस आरक्षक स्मिता तांडी को दो साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित किया था.
ट्रेन के चलते ही शुरू कर दी थी हरकत
बताया जा रहा है कि छेड़छाड़ करने वाला एक अस्टिटेंट प्रोफेसर है, जो ट्रेन के जनरल बोगी में ही सवार था. जैसे ही ट्रेन स्टेशन से चली प्रोफेसर ने महिला आरक्षक के साथ बदतमीजी शुरू कर दी थी. पहले तो स्मिता ने इग्नोर करना शुरू किया. लेकिन, जब अपनी हरकतों से प्रोफेसर बाज नहीं आया तो फिर स्मिता तांडी ने ट्वीट कर मदद मांगी.
स्टेशन से ही हिरासत में लिया गया था आरोपी
बैक टू बैक किए गए अपने कुछ ट्वीट के जरिए स्मिता ने ना सिर्फ घटना का अपडेट दिया बल्कि ये भी बताया कि उस वक्त ट्रेन कहां थी. मदद मांगने के लिए स्मिता ने भाटापारा आरपीएफ से संपर्क भी किया. स्मिता के ट्वीट को आरपीएफ ने बेहद ही गंभीरता से लिया. जैसे ही ट्रेन भाटापारा पहुंची आरपीएफ की टीम वहां पहले से मौजूद थी. स्मिता की शिकायत के बाद आरोपी अस्टिटेंट प्रोफेसर को हिरासत में ले लिया गया. हालांकि उसके रोने गिड़गिड़ाने के बाद स्मिता ने एफआईआर दर्ज नहीं कराया.
ट्विटर पर शेयर की थी वारदात की बात
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि छेड़खानी करने के बाद जब स्मिता ने आरोपी की फोटो लेने की कोशिश की तो युवक विवाद कर हाथापाई करने लगा. इतने में ट्रेन भाटापारा रेलवे स्टेशन पहुंच गई और युवक को उतार दिया गया. स्मिता ने इस घटना की जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की है.
फेसबुक पर हैं 8 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स
आपको बता दें कि स्मिता तांडी छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत हैं. वे जीवनदीप समूह बनाकर जरूरतमंदों को इलाज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं. फेसबुक पर उनके आठ लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं.