रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों की संख्या में आ रही कमी पर सूबे की सियासत गरमा गई है. लाभार्थियों तक राशि न पहुंचने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की इस पर अलग राय है और उन्होंने रमन सिंह को केंद्र सरकार से बात करने की सलाह दी है.


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दरअसल, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 27 लाख किसान पंजीकृत हैं. योजना की शुरुआत में 22 लाख 54 हजार किसानों को इसका लाभ मिला और पहली किश्त के रूप में 2 हजार रुपए दिए गए, लेकिन दूसरी किश्त केवल 21 लाख 32 हजार 572 किसानों को ही मिली, यानी एक लाख से अधिक किसानों को पैसा नहीं मिला.


जबकि तीसरी किश्त केवल 16 लाख दो हजार 664 किसानों को ही मिली यानी पहली किश्त में जिन किसानों को लाभ मिला था, तीसरी किश्त आते-आते किसानों की संख्या 43 फीसदी कम हो गई.


पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि अधिकारी सही रिपोर्ट नहीं भेजते. इसकी वजह से पात्र किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.


वहीं इस मामले में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि यदि ये अधिकारियों की गलती होती तो पहली बार में 22 लाख किसानों को जिस आधार पर पहली किश्त दी गई उसी आधार पर तीसरी किश्त भी दी जानी चाहिए थी. रविंद्र चौबे का आरोप है कि योजना पाने वाले किसानों की संख्या इसलिए घट रही है क्योंकि अलग-अलग कारण बताकर केंद्र सरकार किसानों की सूची कम कर रही है. उन्होंने इसे लेकर रमन सिंह को केंद्र से बात करने की सलाह दी है.