मध्य प्रदेश में आज से खुलेंगे 9वीं से 12वीं तक के स्कूल, इन गाइडलाइंस का पालन होगा जरूरी
डाउट क्लीयरिंग क्लास 2 घंटे के लिए आयोजित की जाएगी. स्कूल चाहें तो डाउट क्लीयरिंग क्लास सुबह 9 से 11 या दोपहर 12 से 2 बजे तक चल सकते हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस दौरान सभी स्कूलों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन करना होगा.
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) में 9वीं से 12वीं तक सरकारी और प्राइवेट स्कूल आज यानि 21 सितंबर से खोले जाएंगे. कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट को देखते हुए अभी कक्षाएं नहीं लगाई जाएंगी और न ही छात्रों को स्कूल आना होगा. हालांकि वे पैरेंट्स से अनुमति लेकर टीचर से डाउट क्लीयरिंग के लिए स्कूल जा सकेंगे. इसलिए स्कूलों में 50 फीसदी शिक्षकों की उपस्थिति भी अब अनिवार्य कर दी गई है. साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं भी अब स्कूलों से संचालित करने का आदेश दिया गया है.
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डाउट क्लीयरिंग क्लास 2 घंटे के लिए आयोजित की जाएगी. स्कूल चाहें तो डाउट क्लीयरिंग क्लास सुबह 9 से 11 या दोपहर 12 से 2 बजे तक चल सकते हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस दौरान सभी स्कूलों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन करना होगा. साथ ही स्कूल में एक दूसरे के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा. इसके अलावा छात्रों और शिक्षकों को पूरे समय फेस-कवर या मास्क का उपयोग करने के साथ साबुन से बार-बार हाथों को धोना या उन्हें सैनिटाइज करना होगा.
कोविड-19 से बचाव के लिए स्कूलों को इन बातों का रखना होगा ध्यान
1-स्कूल में एक-दूसरे के बीच कम से कम छह फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा.
2-पूरे समय फेस-कवर या मास्क का उपयोग करने के साथ साबुन से बार-बार हाथों को धोना या उन्हें सैनिटाइज करना होगा.
3-स्कूलों की सभी ऐसी सतहों और उपकरणों का कक्षा शुरू होने और समाप्ति के बाद एक प्रतिशत हाइपो क्लोराइड के उपयोग से डिसइन्फेक्शन करना होगा.
4-स्कूल में केवल कोरोना निगेटिव व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी.
5-स्कूल में कोविड-19 से बचाव संबंधी जानकारी प्रदर्शित किए जाएंगे.
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6-कंटेनमेंट जोन में स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं होगी और ना ही यहां से किसी भी कर्मचारी, शिक्षक या फिर छात्र को आने की अनुमति होगी.
7-बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक रहेगी...
8- स्कूलों में भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक, स्कूल काउंसलर्स और स्कूल स्वास्थ्य कार्यकर्ता काम करेंगे..
9-छात्र, शिक्षक, कर्मचारी द्वारा बुखार, खांसी या फिर सांस लेने में कठिनाई होने पर अस्पताल को सूचना देना जरूरी होगा. साथ ही उसका चिकित्सीय परामर्श लेना होगा यदि व्यक्ति पॉजिटिव आता है, तो पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा.
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