भोपाल: शिवराज सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के 24 लाख किसानाें का 550 करोड़ रुपए का ब्याज माफ करने का फैसला लिया गया. कैबिनेट ने सहकारिता विभाग के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है. राज्य के सहकारी बैंकों ने 2019-20 में किसानों को 0 प्रतिशत ब्याज पर 14000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था. मूल राशि चुकाने की समय सीमा समाप्त होने पर किसानों को बैंक से लिए गए कर्ज पर ब्याज देना पड़ता है. लेकिन कैबिनेट में हुए फैसले के बाद किसानों को अब यह ब्याज नहीं चुकाना पड़ेगा. किसानों को राहत देते हुए ​शिवराज सरकार ने सहकारी बैंकों को 550 करोड़ रुपए की राशि चुकाने का फैसला लिया है.


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वर्ष 2021-22 का पेपर लेस बजट पेश करेगी शिवराज सरकार
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट बैठक में प्रस्तावों को मिली मंजूरी के बारे में मीडिया को बताया. उन्होंने बताया कि शिवराज सरकार भी केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर वित्त वर्ष 2021-22 का पेपर लेस बजट पेश करेगी. यह निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट से बजट प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा दुग्ध संघ को घाटे से उबारने के लिए 14.80 करोड़ के अनुदान प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. लॉकडाउन के कारण किसानों को दुग्ध संघ ने राशि का भुगतान नहीं किया था. 


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सड़क और निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों को सरकार ने दी राहत
कैबिनेट ने राज्य सरकार लोक निर्माण विभाग में सड़क और निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों को अर्नेस्ट मनी जमा करने में राहत देने का फैसला किया. कोरोना महामारी के कारण लागू हुए लॉकडाउन में ठेकेदार सड़क और निर्माण कार्य नहीं कर पाए थे. इससे तय डेडलाइन पर काम पूरा नहीं हो सका,  जिससे कॉन्ट्रैक्टर्स को पीडब्ल्यूडी मिनिस्ट्री के पेनल्टी का डर था. अब शिवराज सरकार ने ठेकेदारों को राहत देते हुए अर्नेस्ट मनी जमा करने की सीमा 5% से घटाकर 3% कर दी है. इसके अलावा आवंटित काम पूरा करने के लिए डेडलाइन 6 महीने बढ़ा दी गई है. इसके अलावा कैबिनेट ने मैप आईटी को राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम मे मर्ज करने निर्णय लिया.


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शिवराज सरकार के बजट के केंद्र में होगा आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के आगामी बजट की रूपरेखा पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कहा कि मोदी सरकार की तरह उनकी सरकार के बजट के केंद्र में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश होगा. उन्होंने सभी मंत्रियों से अपने-अपने विभागों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए और कुपोषण से लड़ाई के लिए केंद्र सरकार से ज्यादा धन राशि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा. कैबिनेट बैठक में तय हुआ ​कि राज्य के हर ब्लाॅक में एक स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी. पूरे राज्य में ऐसे 9920 स्कूल खुलेंगे.


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