भोपाल: मध्य प्रदेश में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. विधानसभा के बजट सत्र में इसको लेकर कांग्रेस विधायक हर्ष यादव ने सवाल किया कि जनवरी 2021 की स्थिति में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कितने किसानों को अपात्र मानकर 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के अंतर्गत नोटिस दी गई. साथ ही उनसे राशि वापस जमा करने के लिए भी कहा गया. आखिर सरकार की तरफ से ऐसा क्यों किया गया?


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कांग्रेस विधायक हर्ष यादव के इस सवाल पर मंत्री गोविंद सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में  1,70,596 अपात्र किसानों के खाते में राशि पहुंची है. इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया है. इनमें 9,960 किसानों ने राशि लौटा दी है. जबकि अन्य किसानों द्वारा अभी तक पैसा नहीं लौटाया गया है. हालांकि मंत्री गोविंद सिंह ने यह नहीं बताया कि अपात्र किसानों के खातों में कितनी राशि ट्रांसफर हो चुकी है.


सबसे ज्यादा आपात्र उज्जैन में
विधानसभा में लिखित में जानकारी देते हुए मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि प्रदेश में सबसे ज्यादा आपात्र किसान उज्जैन जिले में हैं. यहां ऐसे किसानों की कुल संख्या 9,323 हैं. जबकि दूसरे स्थान पर सीहोर जिले के किसान हैं. यहां ऐसे किसानों की कुल संख्या 8748 है. वहीं, तीसरे स्थान पर छिंदवाड़ा जिले के किसान हैं. यहां पर ऐसे किसानों की कुल संख्या 8454 है. 


क्या है PM किसान सम्मान निधि योजना?
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' केंद्र सरकार ने 2018-19 में शुरू की थी. इस योजना के तहत देशभर के किसानों को 6000 रुपए एक साल में दिए जाते हैं. किसानों के खाते में यह राशि तीन किश्तों में ट्रांसफर की जाती है. अब तक इस योजना की 7 किश्त भेजी जा चुकी है. जबकि 8वीं किश्त मार्च के आखिरी में भेजी जाती है. हालांकि मध्य प्रदेश के किसानों को प्रदेश सरकार की तरफ से 4000 अलग से दिए जाते हैं. जिसकी वजह से राज्य के किसानों को 10000 रुपए मिलता है. 


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