शिवराज मंत्रिमंडल के मंथन में किसे मिलेगा अमृत और कौन पिएगा विष?
सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीएम के खासमखास रहे रामपाल सिंह और गौरीशंकर बिसेन का नाम भी कट गया है. उनकी जगह पर बालाघाट से विधायक रामकिशोर सांवरे का नाम फाइनल किया है.
भोपाल: शिवराज सिंह चौहान सरकार के चौथे कार्यकाल का मंत्रिमंडल विस्तार कल हो सकता है. खबर है कि शिवराज के खास दो पूर्व मंत्रियों को इस बार झटका लग सकता है. जबकि गोपाल भार्गवन, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, अरविंद भदौरिया और रामकिशोर कांवरे के नाम पर हाईकमान ने मुहर लगा दी है. वहीं इस बार पारस जैन का नाम मंत्रियों के नामों की सूची से बाहर है.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीएम के खासमखास रहे रामपाल सिंह और गौरीशंकर बिसेन का नाम भी कट गया है. उनकी जगह पर बालाघाट से विधायक रामकिशोर सांवरे का नाम फाइनल किया है. मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार 40 से 45 बीजेपी नेता दावेदार माने जा रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री सहित 35 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. फिलहाल शिवराज समेत कुल छह सदस्य अभी कैबिनेट में हैं. इस तरह से 29 मंत्री अब और बनाए जा सकते हैं.
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नजरअंदाज नहीं कर सकते सिंधिया को
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के लोगों का भी खास ख्याल रखा जा सकता है. हालांकि अभी तक इस गुट से किसी का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन पिछलों दिनों आई खबरों की मानें तो सिंधिया गुट से कम से कम 8-10 को मंत्री की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त सिंधिया मौजूद रहेंगे. वह कल 10 बजे दिल्ली से भोपाल पहुंचेंगे. अब तक इस गुट से सिर्फ दो ही लोगों को मंत्रिपद दिया गया है. इसमें तुलसी राम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के नाम हैं.
बन सकते हैं दो उपमुख्यमंत्री
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के सियासी फैसले अब सूबे में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय नेतृत्व के स्तर पर भी किए जा रहे हैं. मंत्रिमंडल के गठन का फैसला अकेले शिवराज सिंह चौहान को लेना होता तो विस्तार कब का हो गया होता. लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व ने शिवराज के कुछ करीबियों का नाम काट दिया है. वहीं सूबे में यह भी हलचल है कि नरोत्तम मिश्रा और सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
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ये नाम है अभी वेटिंग लिस्ट में
भारतीय जनता पार्टी में तीन से लेकर सात-आठ बार तक जीतने वाले विधायकों सूची लंबी है. इनमें गोपाल भार्गवन, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, अरविंद भदौरिया और रामकिशोर कांवरे के नाम पर हाईकमान ने मुहर लगा दी है. जबकि गौरीशंकर बिसेन, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, संजय पाठक, राजेंद्र शुक्ला, हरिशंकर खटीक, अजय विश्नोई और रामपाल सिंह यह मानकर चल रहे हैं कि वह भी मंत्री बनेंगे. सिंधिया समर्थकों के आने के बाद बीजेपी के कई दिग्गजों की राह मुश्किल लग रही है, क्योंकि उन्हीं के इलाके से ये भी नेता आते हैं. खासकर बुंदेलखंड और चंबल इलाके में शिवराज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
सिंधिया गुट से इनका नाम लगभग तय
मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और रणवीर जाटव भी दावेदार हैं. इन्हीं में से एक-दो लोगों को कम करने पर बात हो रही है, क्योंकि एंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप डंग का मंत्रीपद मिलना पहले से ही तय माना जा रहा है.