कर्ण मिश्रा/ग्वालियर: राज्य शासन ने सोमवार की रात अचानक एक आदेश जारी करते हुए ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव आईके मंसूरी (IK Mansoori) को उनके पद से हटा दिया. उनकी जगह राजनीतिक शास्त्र के विभागाध्यक्ष एपीएस चौहान को यह जिम्मेदारी दी गई है. गौरतलब है कि नवनियुक्त कुलसचिव एपीएस चौहान कुलपति (Vice chancellor) संगीता शुक्ला (Sangita Singh) के धुर विरोधी माने जाते हैं. 


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ग्वालियर में पिछले साल 18 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) की यात्रा पर उनकी आपत्ति के बाद विराम लगा था. राष्ट्रपति यहां मल्टी आर्ट कॉन्प्लेक्स का शुभारंभ करने के लिए आने वाले थे, लेकिन इस करोड़ों की लागत वाले भवन में भ्रष्टाचार की शिकायत के चलते न्यायिक जांच चालू हो गई जिसके चलते राष्ट्रपति ने अपना दौरा कार्यक्रम रद्द कर दिया था. एपीएस चौहान ने कुलपति संगीता शुक्ला के खिलाफ उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका भी हाईकोर्ट में लगा रखी है. लेकिन आज रजिस्ट्रार का पदभार ग्रहण करने के बाद उनके सुर बदले-बदले से दिखें. 


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नवनियुक्त कुलसचिव ने कहा कि फिलहाल उनका फोकस छात्रों की समस्याएं और विश्वविद्यालय कर्मचारियों की मांगों पर केंद्रित होगा. उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ प्रशासनिक दायित्वों के बारे में उन्हें एक प्रोफेसर के रहते उतना आभास नहीं था, लेकिन अब वे प्रशासनिक टीम में शामिल हो गए हैं. इसलिए उनकी कोशिश किसी से टकराने की नहीं रहेगी बल्कि छात्रहित में उनकी समस्याएं जल्द से जल्द हल करना होंगी. उन्होंने कहा कि वे कुलपति पद की दौड़ में थे, लेकिन राज्य शासन ने जो आदेश दिया है उसके मुताबिक अपने दायित्वों का निर्वहन करने की वे कोशिश करेंगे.