मध्य प्रदेश में जारी सियासी खींचतान के बीच बीजेपी की जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग वाली याचिक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कमलनाथ सरकार और स्पीकर से जवाब मांगा है.
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दिल्ली: मध्य प्रदेश में जारी सियासी खींचतान के बीच बीजेपी की जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग वाली याचिक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कमलनाथ सरकार और स्पीकर को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सुबह 10:30 बजे तक जवाब मांगा है. इसी के साथ सुनवाई को कल तक के लिए टाल दिया गया है. अब बुधवार को इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी.
Supreme Court issues notice to Madhya Pradesh government, hearing tomorrow at 10.30 am https://t.co/Vm55HyRpKQ
— ANI (@ANI) March 17, 2020
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बीजेपी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि ये पूरा मामला लोकतंत्र को जीवित रखने को लेकर है, लेकिन दूसरा पक्ष इस मामले में कृतज्ञता नहीं दिखा रहा है.वहीं आज हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई वकील नहीं पहुंचा.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बहुमत परीक्षण के बिना विधानसभा बजट सत्र स्थगित किए जाने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत 10 विधायकों ने याचिका दायर की थी. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, नेता विपक्ष गोपाल भार्गव, बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, विश्वास सारंग, संजय सत्येंद्र पाठक, कृष्णा गौर और सुरेश राय ने याचिका दायर कर विधानसभा स्पीकर के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें स्पीकर ने विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया था.
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बीजेपी ने याचिका में कहा था कि कांग्रेस सरकार 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आ गई है. कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है. बीजेपी ने कहा कि लोकतंत्र और संवैधानिक नियमों के मुताबिक कांग्रेस को एक दिन भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है.
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इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को मुख्यमंत्री को दूसरी चिट्ठी लिखकर आज ही बहुमत परीक्षण कराने के निर्देश दिए. कल बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद स्पीकर ने कोरोनावायरस का हवाला देते हुए विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी.
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