थ्री इडियट के रेंचो जैसा कारनामा, वीडियो कॉलिंग की मदद से चलती ट्रेन में करवाई महिला की डिलिवरी
सागर के रहने वाले सुनील प्रजापति दिल्ली के नॉर्डन रेलवे डिवीजनल हॉस्पिटल में लैब टैक्नीशियन पद पर कार्यरत हैं. मामला शनिवार और रविवार दरमियानी रात का है. वे मध्य प्रदेश संपर्क क्रांति से सागर आ रहे थे. इसी बोगी में उनके साथ दमोह की रहने वाली महिला किरण अहिरवार सफर कर रही थी, किरण को अचानक दर्द होने लगा. जिसके बाद सुनील ने उनकी मदद की.
सागरः फिल्म 'थ्री इडियट' आप सभी ने देखी ही होगी. फिल्म के एक सीन में आमिर खान के किरदार रेंचों ने वीडियो कॉलिंग के जरिए एक महिला की डिलिवरी कराई थी. हालांकि यह तो रील लाइफ का मामला था. लेकिन रीयल लाइफ में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां सुनील नाम के एक शख्स ने चलती हुई ट्रेन में एक महिला की डिलीवरी कराई. सुनील ने दिल्ली में महिला सर्जन से वीडियों कॉलिंग में बात करते हुए सेविंग ब्लेड और ऊनी शॉल के धागे की मदद से महिला की नॉर्मल डिलेवरी कराई. प्रसव के बाद महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट करके सुनील की तारीफ की है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, सागर के रहने वाले सुनील प्रजापति दिल्ली के नॉर्दन रेलवे डिवीजनल हॉस्पिटल में लैब टैक्नीशियन पद पर कार्यरत हैं. मामला शनिवार और रविवार दरमियानी रात का है. वे मध्य प्रदेश संपर्क क्रांति से सागर आ रहे थे. सुनील बोगी नंबर 3 में बैठे हुए थे. इसी बोगी में उनके साथ दमोह की रहने वाली महिला किरण अहिरवार भी अपने भाई के साथ सफर कर रही थी. जोकि प्रेग्नेंट थी.
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अचानक हुआ महिला को दर्द
सुनील के मुताबिक रात में फरीदाबाद स्टेशन निकलने के बाद अचानक से महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. सुनील ने बताया कि जब ट्रेन में उस वक्त कोई डॉक्टरी सहायता पहुंचने की उम्मीद नहीं थी. लिहाजा उन्होंने सोचा कि अब कुछ करना पड़ेगा. जिसके बाद सुनील ने परिजनों को अपना परिचय दिया और बताया कि वह लैब टैक्नीशियन है और दोस्त महिला डॉक्टर की मदद से डिलिवरी करवा सकते हैं. सुनील ने तुरंत आस-पास के सभी पुरूषों के एक तरफ भेजकर बर्थ में बैठी दूसरी महिलाओं को बुलाया. जिसके बाद सुनील ने दिल्ली की डॉ. सुपर्णा सेन से वीडियों कॉलिंग में चर्चा कर स्थिति बताई और एक अन्य महिला की मदद से महिला की डिलीवरी कराई.
महिला डॉक्टर ने जैसा बताया सुनील ने वैसा किया
सुनील ने बताया कि उन्हें भी बहुत डर लग रहा था. क्योंकि वह भले ही लैब टैक्नीशियन थे लेकिन इस तरह की स्थिति से उनका भी पहली बार सामना हुआ था. लेकिन वीडियो कॉलिंग पर डॉ. सुपर्णा ने उनकी हिम्मत बढा़ई और जैसे-जैसे उन्होंने करने के लिए बोला वह करते गए. जिससे महिला की सफल डिलिवरी हो पाई. सुनील ने बताया कि डिलिवरी तो हो गई लेकिन बच्चे की गर्भ नाल काटना जरूरी था जिसके लिए किसी साफ चीज की जरुरत थी. इस दौरान एक यात्री ने कहा कि उसके पास शेविंग करने की एक फ्रेश ब्लेड है, अगर कुछ हो सके तो बताओ. जिसके बाद सुनील ने तुरंत डॉ. सुपर्णा से बात की और ब्लेड से गर्भनाल काट दी.
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बच्चा रोया नहीं तो डर गए सुनील
सुनील ने बताया कि डिलिवरी कराने के बाद बच्चा रोया नहीं तो वे काफी डर गए. उन्होंने बच्चें को सीने से लगाकर थोड़ा थपथपाया तो वह रोने लगा. जिसके बाद सुनील को थोड़ी राहत महसूस हुई. इस दौरान ट्रेन में बैठे अन्य लोगों ने ऐसा महसूस किया जैसे उनके सामने थ्री इडियट फिल्म का सीन चल रहा हो. हालांकि इस दौरान डॉक्टर सुपर्णा ने मामले की जानकारी रेलवे को दे दी थी. जहां ट्रेन मथुरा स्टेशन पर रूकी और महिला को मथुरा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. सोमवार को महिला जब सागर से गुजरी तो उसने सुनील को फोन कर दिया जिसके बाद सुनील ने स्टेशन पहुंचकर बच्चे और महिला से मुलाकात की.
रेल मंत्री ने की सुनील की तारीफ
मामला सामने आने के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर सुनील की तारीफ की है. सुनील ने बताया कि जब सोमवार को उन्होंने जिस बच्चे की डिलिवरी कराई थी. उसे दोबारा से गोद में लिया तो यह उनके लिए एक अलग अनुभव था. सुनील मकरोनिया नगर पालिका में कंटरजेंसी का काम देख रहे संतोष प्रजापति एवं क्रेशर संचालक विनोद प्रजापति के छोटे भाई हैं। सुनील इसके पूर्व तीन बार एमपीपीएससी की परीक्षा पास कर चुके हैं, लेकिन इंटरव्यू में रुक जा रहे थे.
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