मध्य प्रदेश के इन जगहों से होकर गुजरती कर्क रेखा, जानें क्या है इसका भौगौलिक महत्व?
कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23`26′22″ ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है. यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है जो मानचित्र पर प्रदर्षित की जाती हैं.
विवेक पटैया/भोपाल: कर्क रेखा के बारे में हम बचपन से भूगोल में पढ़ रहे हैं और ग्लोब पर देखते आए हैं. आज उस स्थान पर ठहरना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है. कर्क रेखा मध्यप्रदेश में भोपाल से 27 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है. जहां से यह गुजरती है वह स्थान स्टेट हाइवे-18 पर रायसेन जिले के दीवानगंज और सलामतपुर के मध्य स्थित है. कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिये उस स्थल पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है. जो रायसेन जिले का सबसे आर्कषक सेल्फी प्वॉइंट है. यहां से निकलने वाला व्यक्ति बिना सेल्फी लिए आगे नहीं बढ़ता. आज सूर्य ग्रहण भी है और 21 जून भी है. यह संयोग वर्षों बाद बना है.
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कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23'26′22″ ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है. यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है जो मानचित्र पर प्रदर्षित की जाती हैं. कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरीय अक्षांश रेखा हैं, जिस पर सूर्य दोपहर के समय लंबवत होता है. 21 जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है. इसलिए यहां पर इस दिन सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है.
कर्क रेखा के समानान्तर दक्षिणी गोलार्ध में भी एक रेखा होती है, जिसे मकर रेखा कहते है. सूर्य की स्थिति मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ने को उत्तरायण और कर्क रेखा से मकर रेखा की ओर वापसी को दक्षिणायन कहते हैं. इस प्रकार वर्ष में 6-6 माह के दो आयन होते हैं. कर्क रेखा को चिह्नित करता स्मारक, मातेहुआला, सैन लुइस पोटोसी, मेक्सिको तथा भारत में कर्क रेखा उज्जैन शहर से निकलती है.
इसीलिए जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने यहां वैधशाला बनवाई है. इस वैधशाला को जंतर-मंतर कहते हैं. इसका प्रयोग खगोल-शास्त्र के अध्ययन के लिए किया जाता है. यही कारण है कि इस स्थान को काल-गणना के लिए एकदम सटीक माना जाता है. अधिकतर हिन्दू पंचांग यहीं से निकलते हैं.
भारत में इन जगहों से होकर गुजरती है कर्क रेखा
23-32 डिग्री उत्तरी अक्षांश कर्क रेखा मध्यप्रदेश के रायसेन, विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, और जबलपुर जिलों से गुजरती है. इसलिए इन स्थानों पर ग्रीष्म ऋतु की अवधि शीत ऋतु से अधिक होती है. दक्षिण अफ्रीका के सहारा मरूस्थल का अधिकांश हिस्सा कर्क रेखा पर होने के कारण यहां का तापमान सबसे अधिक होता है. कर्क रेखा मध्यप्रदेश के अलावा गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम राज्यों से भी गुजरती है.
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इन देशों से होकर गुजरती है कर्क रेखा
कर्क रेखा संयुक्त राज्य अमेरिका (हवाई-केवल सागर, कोई भी द्वीप इस रेखा पर नहीं है), मैक्सिको में मजातलान (प्रशांत महासागर के उत्तर में), बहामास, पश्चिमी सहारा (मोरोक्को द्वारा दावा किया गया) मौरीटानिया, माली, अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, चाड, मिस्र, सऊदी अरब, ओमान, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन (मात्र गुआंगजोऊ के उत्तर से) और ताइवान से भी होकर गुजरती है.
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