जब तक समाज के सबसे कमजोर वर्ग का विकास नहीं, तब तक यह अधूरा रहेगा: राष्ट्रपति कोविंद
जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ``विभिन्न जनजातीय समुदायों ने हमारे स्वाधीनता संग्राम में गौरवशाली योगदान दिया है. हमारे जनजातीय शहीद केवल स्थानीय रूप से ही नहीं पूजे जाते हैं बल्कि पूरे देश में उन्हें सम्मान के साथ याद किया जाता है.``
दमोह: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में आयोजित जनजातीय सम्मेलन में शामिल हुए. यहां उन्होंने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर सिंगौरगढ़ किले के रेनोवेशन और जनजातीय समूह के लिए 26 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्यों की आधारशिला रखी. कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल आंनदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी मौजूद रहे.
अब तक नहीं किए इनकम टैक्स से जुड़े ये 5 जरूरी काम तो जल्दी करें, 31 मार्च तक का है समय
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनजातीय सम्मेलन को संबोधित किया
जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ''विभिन्न जनजातीय समुदायों ने हमारे स्वाधीनता संग्राम में गौरवशाली योगदान दिया है. हमारे जनजातीय शहीद केवल स्थानीय रूप से ही नहीं पूजे जाते हैं बल्कि पूरे देश में उन्हें सम्मान के साथ याद किया जाता है. हम सबको यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि आदिवासी समुदाय का कल्याण तथा विकास पूरे देश के कल्याण और विकास से जुड़ा हुआ है. जब तक समाज के सबसे कमजोर वर्ग का विकास नहीं होगा तब तक विकास को मैं अधूरा कहूंगा.''
MP में लगातार चौथे दिन 400 से अधिक कोरोना संक्रमित मिले, नाइट कर्फ्यू लगना लगभग तय है
सिंगौरगढ़ किला का जीर्णोद्धार 26 करोड़ रुपए की लागत से होगा
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद ने बताया कि सिंगौरगढ़ किला व उसके आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए 26 करोड़ रुपए के कार्य होंगे. इसमें दलपतशाह की समाधि, मंदिर स्थान, सिंगौरगढ़ का किला, फीडर लेक ऑफ निरान वाटरफॉल, प्रवेश द्वार, निदान फाल, बैसा घाट विश्राम गृह, नजारा व्यू पॉइंट, वलचर पॉइंट व विजिटर फेसीलिटी जोन आदि के मरम्मत व सौंदर्यीकरण के विकास कार्य होंगे. सिंगौरगढ़ किले के रखरखाव एवं जीर्णोद्धार के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा काम किया जा रहा है.
MahaShivratri 2021: महाशिवरात्रि पर भूल कर भी न चढ़ाएं भोलेनाथ को ये फूल, जानिएं क्यों?
रानी दुर्गावती के गौरवशाली इतिहास को समेटे है सिंगौरगढ़ किला
दमोह जिले के सिंग्रामपुर में स्थित सिंगौरगढ़ किला आज भी रानी दुर्गावती की वीरता का गौरवशाली इतिहास समेटे मजबूती के साथ खड़ा है. किले की दीवारों को इतना मजबूत बनाया गया था कि इसकी सुरक्षा को भेद पाना दुश्मनों के बस की बात नहीं थी. प्रकृति प्रदत्त भौगोलिक पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बने सिंगौरगढ़ किले की सुरक्षा में पहाड़ दीवार बनकर खड़े थे. किले के तहखानों से निकली सुरंग का अंतिम छोर रानी दुर्गावती व उनके करीबियों को ही पता था. सिंगौरगढ़ जलाशय की खूबसूरती देखते बनती है. मान्यताएं हैं कि सिंगौरगढ़ तालाब अथाह जल के अंदर अनेकों रहस्य समेटे है.
WATCH LIVE TV