शाजापुर: अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में पहली बार पुलिस विभाग में तृतीय लिंग का आरक्षक के रूप में चयन हुआ है. वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के शाजापुर का एक शौचालय चर्चा में बना हुआ है. दरअसल ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालयों में पुरुष एवं महिला के साथ अब ट्रांसजेंडर के लिए भी शौचालय की व्यवस्था की जा रही है.


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बता दें कि जब भी हम या आपक पब्लिक शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं तो महिला या पुरुष देखकर ही इसका चयन करते है. ऐसी स्थिति में वे लोग क्या करें, जिन्हें समाज में अलग नाम अलग पहचान दे रखी है. जिनकी सुविधा का ख्याल नहीं रखा जाता है, इसी को देखते हुए इस नई पहल को अपने-आप में नजीर माना जा रहा है.


87 शौचालयों का हो रहा निर्माण
मीडिया रिपोर्ट की माने तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत दुपाड़ा, देवला बिहार सहित जिले के विभिन्न गांवों में 87 टॉयलेट का निर्माण करवा रही है. लेकिन, इन सब में खास बात यह है कि इन शौचालयो में महिला पुरूष के अलावा ट्रांसजेंडर यानी की थर्ड जेंडर के लिए भी अलग से एक शौचालय बनाया गया है. 


थर्ड जेंडर समाज का हिस्सा 
वहीं शाजापुर जिला पंचायत सीईओ मीशा सिंह का कहना हैं कि क्रूर मजाक का शिकार थर्ड जेंडर हमारे ही समाज का एक हिस्सा है. उनके अधिकार उसे पूरे सम्मान के साथ दिए जाने चाहिए. सरकारी महकमा तो अपनी कोशिशें लगातार कर रहा है लेकिन अब समाज की बारी है.


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पहले 2017 में भी बना थर्ड जेंडर शौचालय
हालांकि इससे पहले साल 2017 में एमपी सरकार ने राजधानी भोपाल में थर्ड जेंडर शौचालय बनाकर दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. लेकिन शाजापुर का शौचालय भोपाल से अलग है क्योंकि इसमें एख की शौचालय में महिला पुरुष के साथ थर्ड जेंडर के लिए व्यवस्था की है.


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