नई दिल्लीः अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायुसेना ने अग्निवीरों के लिए भर्ती की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. इन गाइडलाइंस के तहत अग्निवीरों को 4 साल की सेवा अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी और वह इससे पहले नौकरी नहीं छोड़ पाएंगे. यदि किन्हीं कारणों से नौकरी छोड़नी भी पड़ती है तो फिर इसके लिए शीर्ष अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ेगी. 


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ये हैं नियम और शर्तें
इंडियन एयरफोर्स योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों के लिए उम्र सीमा 17.5 साल से लेकर 21 साल तय की गई है. 18 साल से कम उम्र के युवाओं को एनरॉलमेंट फॉर्म पर अपने माता-पिता के हस्ताक्षर कराना जरूरी होगा. 


4 साल की सेवा पूरी करने के बाद सभी अग्निवीर सेवा से मुक्त कर दिए जाएंगे और जो अग्निवीर आगे भी वायुसेना में सेवा करने के इच्छुक हैं तो उन्हें फिर से अप्लाई करना होगा. वायुसेना का एक केंद्रीकृत बोर्ड इन एप्लीकेशन पर पारदर्शी तरीके से फैसला लेगा और 25 फीसदी अग्निवीरों को फिर से रेगुलर कैडर में वायुसेना में सेवा करने का मौका मिलेगा. इन 25 फीसदी का चुनाव उनकी फिटनेस और 4 साल के कार्यकाल की समीक्षा के आधार पर किया जाएगा. 


सभी भारतीय चाहे वो किसी भी वर्ग से हों, वह वायुसेना की अग्निवीर योजना के तहत अप्लाई कर सकते हैं. चयन के लिए अग्निवीरों को वायुसेना के सभी मानकों को पूरा करना होगा. 


वायुसेना ने साफ किया है कि सेवा के दौरान अग्निवीर सभी सम्मान और अवार्ड पाने के हकदार होंगे. 


अग्निवीर वायुसेना में सेवा के दौरान हर साल 30 छुट्टी पाने के हकदार होंगे. वहीं मेडिकल सलाह के आधार पर उन्हें बीमारी में भी छुट्टियां मिलेंगी. 


वायुसेना में सेवा के दौरान अग्निवीरों को 30 हजार प्रतिमाह की सैलरी मिलेगी और सालाना तय सैलरी इंक्रीमेंट भी मिलेगा. इसके अलावा रिस्क, हार्डशिप, ड्रेस, ट्रैवल अलाउंस का भी भुगतान किया जाएगा. 


सैलरी में 30 फीसदी रकम काटकर अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा किया जाएगा. 30 फीसदी ही सरकार द्वारा इस फंड में जमा किया जाएगा. 


4 साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को सेवा निधि के तौर पर कॉर्प्स फंड में से 10 लाख रुपए की रकम मिलेगी. अग्निवीरों को पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. इस फंड पर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा. 


ड्यूटी के दौरान अग्निवीरों को सभी प्रकार की मेडिकल सुविधाएं दी जाएंगी.  


अग्निवीरों को 48 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर भी मिलेगा. 4 साल का सेवा के दौरान यदि किसी अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसे इंश्योरेंस की रकम के साथ ही, एक्स-ग्रासिया के 44 लाख और बाकी बची 4 साल की सेवा की पूरी सैलरी भी दी जाएगी.  


सेवा के बाद अग्निवीरों को स्किल सेट सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जिसमें उनके स्किल के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस सर्टिफिकेट की मदद से अग्निवीर 4 साल की सेवा के बाद अपना नया करियर शुरू कर सकेंगे.