MP News: मध्य प्रदेश में माननीयों को दी जाएगी ट्रेनिंग, इस बात पर रहेगा सबसे ज्यादा फोकस
Madhya Pradesh Assembly: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद सीएम की शपथ से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार तक की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं. अब सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. लेकिन इस महीने में माननीयों को खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
MP Politics: मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा का काम अब विधिवत रूप से संचालित होने लगा है. प्रदेश में सरकार ने भी कामकाज शुरू कर दिया है. खास बात यह है कि इस बार प्रदेश के 230 में से 70 विधायक पहली चुनकर आए हैं. ऐसे में विधानसभा में अब विधायकों को ट्रेनिंग देने का काम नए साल के पहले ही महीने में शुरू किया जाएगा. ताकि आने वाले विधानसभा सत्रों में विधायक नियम और प्रक्रियाओं को सीख सके.
9 और 10 जनवरी को होगी ट्रेनिंग
विधानसभा की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के सभी विधायकों को 9 और 10 जनवरी को ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रदेश में 70 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं, जिन्हें सदन में होने वाले कामकाज के बारे में बताया जाएगा. क्योंकि पहली बार विधायक बनने वाले माननीयों को सदन के नियम और प्रक्रियाओं के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, इसके अलावा उन्हें प्रश्न लगाने के बारे में भी सिखाया जाता है. इसलिए पहले ही साल में विधायक सभी कामकाज सीख सकें इसके लिए विधानसभा के मानसरोवर सभागार में ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया जाएगा.
ओम बिरला होंगे मुख्य अतिथि
विधायकों लिए शुरू होने वाले इस ट्रेनिंग सेशन में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य अतिथि होंगे. उनके ही मार्गदर्शन में प्रशिक्षण का काम शुरू होगा. बिरला के अलावा विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री मोहन यादव और संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी अपने अनुभव विधायकों को बताएंगे. सभी विधायकों को संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाएगी.
ज्यादा से ज्यादा सत्र चलाने की कोशिश
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदार सत्र को ज्यादा से ज्यादा चलाने की है. 15वीं विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति चिंता का विषय रही थी. एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक पिछली विधानसभा में कुल 79 बैठक हुई थी. जिसमें पहली बार चुनकर आने वाले विधायकों की उपस्थिति ज्यादा नहीं रही थी. ऐसे में इस बार के कार्यकाल में विधायकों की ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति और सक्रिएता बनाए रखने पर जोर होगा. सदन की अवधि को बढ़ाना भी बहुत जरूरी है. ऐसे में दो दिन की ट्रेनिंग में इन्हीं सब बातों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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