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Hit and Run law: हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव को लेकर नए साल के पहले ही दिन भारी विरोध देखने को मिला है. इस कानून के विरोध में पूरे एमपी में बस-ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं. नए साल पर एक तरफ जहां लोग सड़कों पर घूमने के लिए निकले हैं तो वहीं बसों के पहिए थम गए है. वहीं इस पर अब राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार इस पर पुर्नविचार करें.
दरअसल मध्यप्रदेश में हिट एंड रन मामले में आज से नया कानून लागू हो जाएगा. जिसमें 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है. यही वजह है कि ट्रांसपोटर्स कानून के विरोध में हड़ताल में उतर गए हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विरोध किया जा रहा है. इंदौर-भोपाल- ग्वालियर-जबलपुर समेत कई शहरों में पहिए थम गए हैं. इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा?
वहीं हिट एंड रन कानून को लेकर राजनीति भी होने लगी है. ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल पर प्रदेश में सियासी बवाल देखने को भी मिल रहा है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार पर निशाना साधा है. जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री यादव केंद्र सरकार से बात कर इसका समाधान निकालें. उन्होंने कहा कि कानून ऐसा बनना चाहिए, जिससे दुर्घटनाओं पर लगाम लगे. कानून ऐसा बने कि आम जनता परेशान भी ना हो प्रदेश भर से चक्का जाम की खबरें आ रही है. जिससे आम जनता बहुत परेशान परेशान हो रही है..
गुना की घटना पर सरकार को घेरा
जीतू पटवारी ने गुना में हुए दर्दनाक बस हादसे को लेकर कहा कि क्या प्रदेश में केवल एक ही बस जली है? क्या प्रदेश की बाकी वाहन फिटनेस में है यदि हो तो मुझे भी बताए परिवहन विभाग में सभी जगह भ्रष्टाचार है. भ्रष्टाचार के कारण ही इस तरह की घटनाएं लगातार प्रदेश में हो रही है. शिवराज सरकार में भी इस तरह बनाए की कई घटनाएं हुई. सरकार को भ्रष्टाचार पर रोक लगानी चाहिए. इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को मुहिम चलाने की आवश्यकता है.
सरकार करें पुर्नविचार
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि हिट एंड रन कानून ड्राइवर और मालिकों की नई पीड़ा बन गया है. सजा का प्रावधान और फाइन की राशि बढ़ाई गई है. इस तरह गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाएगा. यह बहुत ज्यादा कड़े दंड हैं, पुनर्विचार किया जाना चाहिए. कांग्रेस हड़ताल का समर्थन नहीं करती है. हम हड़ताल वापस लेने की मांग करते हैं. लेकिन ट्रक ड्राइवरों की मांग जायज है. जो अन्याय हो रहा है उसे पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.