आकाश द्विवेदी/भोपाल: राजधानी में ब्लैक फंगस में उपयोगी इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी की कमी हो गयी है. जिसके चलते मरीज और उनके परिजन परेशान नज़र आ रहे है. एम्स जैसे बड़े अस्पताल में 15-15 दिन तक मरीजों को इंजेक्शन के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा है.


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मरीजों के परिजन की चिंता भी लाजमी है दरअसल जो इंजेक्शन मरीजों को लगने1 है उनकी संख्या एक या दो नहीं बल्कि किसी मरीज को 80 तो किसी को लगने हैं 60 इंजेक्शन और ऐसे में बाजार में एक इंजेक्शन की कीमत करीब 8000 रुपए है. मरीज के परिजन इस खर्चे को लेकर बहुत चिंतित है. बहुत से मरीज़ तो ये खर्च उठा ही नही सकते.


मंहगे इंजेक्शन नहीं खरीद सकते
ज़ी मीडिया के सामने छलका परिजनों का दर्द
मरीजों के परिजनों का कहना है कि हमें डॉक्टरों से कोई शिकायत नहीं बस इंजेक्शन मिल जाये. इतने मंहगे इंजेक्शन नहीं खरीद सकते. परिजन भी ये शिकायत करते दिखे कि एम्स अस्पताल ने समय से पर्चेस ऑर्डर नहीं दिए जिसकी वजह से समस्या हो रही है.


बाहर से इंजेक्शन मंगवाया जा रहा
भोपाल एम्स में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. 20 से अधिक मरीजों के परिजनों ने जी मीडिया को बताया कि अस्पताल से इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा है. एम्स प्रबंधन की ओर से बाहर से इंजेक्शन लाने की बात कही जा रही है.


समय पर नहीं लग रहा इंजेक्शन
 अस्पताल की ओर से काफी गैप के बाद इंजेक्शन लगाया जा रहा है जबकि रेगुलर बेसिस पर लगाना है. गैप के कारण मरीजों की स्थिति और ख़राब होती जा रही है.


मंत्री ने कहा नहीं है कमी
 मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि प्रदेश में इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है. इसकी आपूर्ति कर ली गयी है. हो सकता है किसी अन्य कारण से इंजेक्शन न मिल रहा हो लेकिन कमी नही है.


नहीं हुआ समय पर प्रबन्ध
वहीं सामजिक कार्यकर्त्ता सागर जैन का कहना है कि समय से ऑर्डर नहीं करने और समय पर इंजेक्शन नहीं खरीदने की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है.


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