Seat Analysis: राजधानी भोपाल की गोविंदपुरा सीट सिर्फ एमपी में ही नहीं देश में भाजपा की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है. इस सीट पर बीजेपी पिछले 43 सालों से लगातार जीत रही है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता बाबूलाल गौर इस सीट से लगातार आठ विधानसभा चुनाव जीते थे, जबकि 2018 में उनकी बहू कृष्णा गौर यहां से विधानसभा चुनाव जीती थी. कांग्रेस इस सीट पर अब तक बीजेपी की काट नहीं खोज पाई है.


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बीते चुनाव की बात करें तो 2018 में बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर ने कांग्रेस के गिरीश शर्मा को 46,359 वोटों से हराया था. कृष्णा गौर को कुल 125,487 वोट मिले थे. गिरीश शर्मा को 79,128 वोट मिले थे.  2018 में गोविंदपुरा में कुल 58 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर लगातार 8 विधानसभा चुनाव जीते थे. वे 1980 से 2018 तक विधायक थे.


वोटर्स के आंकड़े और जातिगत समीकरण
2018 के आंकड़ों के मुताबिक गोविंदपुरा विधानसभा में कुल 35497 मतदाता है. इसमें 1.66 लाख से ज्यादा महिलाएं और 1.88 लाख से ज्यादा पुरुष वोटर्स हैं.  भोपाल की इस सीट पर सामान्य व ओबीसी मतदाताओं की संख्या तीन चौथाई से ज्यादा 78 प्रतिशत है. इसके अलावा एससी वोटर 15 प्रतिशत के साथ निर्णायक स्थिति में हैं. मुस्लिम वोटर केवल 3 फीसदी हैं.


साल विधायक पार्टी
2018 कृष्णा गौर भारतीय जनता पार्टी
2013 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
2008 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
2003 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
1998 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
1993 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
1990 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
1985 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
1980 बाबूलाल गौर भारतीय जनता पार्टी
1977 लक्ष्मीनारायण शर्मा जनता पार्टी
1972 मोहनलाल अस्थाना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 केएन प्रधान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस