MP NEWS: देश में सोमवार को बकरीद का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस बीच विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बकरीद पर कुर्बानी को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, 'बकरीद के दिन नालियों में खून न बहे. इससे बच्चे में हिंसक वृत्ति को प्रोत्साहन मिलता है.' उन्होंने आगे कहा, 'किसी जीव को अवैध रूप से न काटें.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विनोट बंसल ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज बकरीद है. आशा है कि देश भर में कानून का पालन करने व कराने वाले सभी लोग, शासन, प्रशासन इस बात का कड़ाई से पालन करेंगे कि कहीं किसी जीव की अवैद्य रूप से जान ना जाए. ऐसे दृश्य दिखाई ना दें जिनसे बच्चों में हिंसक वृत्ति को प्रोत्साहन मिले. रक्त मांस मज्जा नालियों, सार्वजनिक स्थलों या नदियों में ना जाए और जल-वायु व भू-माता ही जीवन के त्रिआधार हैं, इसका दुरुपयोग व प्रदुषण ना होने पाए.


ये भी पढ़ें- ओवैसी के ट्वीट पर BJP का पलटवार, MLA ने कहा-MP को शांति का टापू बना रहने दें


ओवैसी पर भड़के मंत्री
इधर, मण्डला में गौमांस मामले में बुलडोजर एक्शन पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया.  उच्च शिक्षा मंत्रीइंदर सिंह परमार AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भड़के. उन्होंने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि साधुओं की सामूहिक रूप से हत्या हुई उस पर ओवैसी ने कभी कुछ नहीं कहा. हर जगह ओवसी के लोग अपराध में क्यों लिप्त पाए जाते हैं?  अपने लोगों को ओवैसी समझाएं अपराधिक कृत्यों में दुर्भाग्य से आरोपी उनके लोग निकलते हैं. मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि गांव के अपराधियों को पुलिस पकड़ने गई थी. वहां गौ मांस मिला जो कानूनी रूप से अपराध है. पुलिस ने उसे पर कार्रवाई की है.


कार्रवाई पर दी ये सफाई
इंदर सिंह परमान ने आगे कहा कि अपराधी ने अवैध अतिक्रमण किया था. पुलिस को गोमांश मिला पुलिस ने उस पर कार्रवाई की है. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अलग देखना चाहिए. पुलिस की कार्रवाई उपयुक्त है. अतिक्रमण की कार्रवाई भी सही हुई है. सभी को पहले नोटिस देखर अतिक्रमण हटाने की सूचना दी गई थी, मुझे लगता है कि अवैध अतिक्रमण पर सूचना देने की भी जरूरत नहीं है.


क्या बोले थे ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने मंडला के गोवंश अवशेष मामले में मोहन सरकार की कार्रवाई का विरोध किया. ओवैसी सोशल मीडिया पर लिखा था कि जो काम पहले भीड़ करती थी वह काम अब सरकारें कर रही हैं. जिन्हें झोली भर-भर के मुसलमानों का वोट मिलता है, वो इस तरह के मामलों पर चुप क्यों रहते हैं.