NCERT Babri Controversy: देश की टॉप एजुकेशन बॉडी NCERT ने 12वीं और 11वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से किताब से 'बाबरी मस्जिद' का नाम हटा दिया है. NCERT ने इसके अलावा कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी हटा दी है. इस मामले में अब मध्य प्रदेश सियासत शुरू हो गई है. एक ओर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि इतिहास सही हो रहा है. सरकार राम को पढ़ाएगी सरकार. दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा मुद्दे से ध्यान मोड़ रही है. 


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इधर, मध्य प्रदेश में कॉलेजों के सिलेबस में प्राचीन महाग्रंथ रामायण को शामिल किया गया है. सीएम मोहन यादव के निर्देश पर कॉलेज के छात्रों को भारतीय परंपराओं से अवगत कराने के लिए यूजी सिलेबस में भारत के प्राचीन महाग्रंथ को शामिल किया जाएगा. इसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राम को पढ़ेंगे तो राष्ट्र का निर्माण होगा, लुटेरों को पढ़ेंगे तो गलत राह जाएंगे. इसलिए कॉलेज में छात्र राम को जानेंगे.


क्या बोले उच्च शिक्षा मंत्री
इंदर सिंह परमार ने आगे कहा कि अब तक गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा था. बच्चों को आक्रांताओं के बारे में पढ़ाया गया. भारत को कमजोर बताया गया, पर अब इतिहास बदल रहा है. अब राम को पढ़ेंगे, क्योंकि जैसा पढ़ेंगे वैसा जीवन निर्माण करेंगे. लिहाजा लुटेरों की जगह अब राम भारत के राष्ट्र पुरुष हैं उनके बारे में जानेंगे इतिहास में अब तक यह नहीं बताया गया कि मंदिर कैसे तोड़ा गया. बाबरी को जरूर पढ़ाया जा रहा था. गुंडे बदमाशों को और लुटेरों को भारत का युवा नहीं पढ़ेंगा. सिलेबस सुधारा जा रहा है. मध्य प्रदेश के कॉलेज में युवाओं को रामायण पढ़ाई जाएगी.


कांग्रेस ने साधा निशाना
इधर, कांग्रेस नेता कुणाल चौधरी ने कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है. कहीं बाबरी हटाई जा रही है, कही कुछ और जोड़ा जा रहा है. 


NCERT ने क्या बदलाव किया
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद  ने 12वीं और 11वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की किताबों से बाबरी मस्जिद, भगवान राम, श्री राम, रथ यात्रा, कारसेवा, विध्वंस के बाद हुई हिंसा और गुजरात दंगे से जुड़े चैप्टर को हटा दिया है. सबसे बड़ा बदलाव है कि 'बाबरी मस्जिद' की जगह 'तीन गुंबद वाली संरचना' शब्द का इस्तेमाल किया गया है. एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने का कहना है- हमें स्कूल में दंगों के बारे में क्यों पढ़ना चाहिए? हम पॉजिटिव नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और अवसादग्रस्त इंसान.