नई दिल्लीः कोरोना महामारी ने सरकार को एहसास कराया है कि हेल्थ सेक्टर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट 2021 में हेल्थ सेक्टर के बजट में बढ़ोत्तरी कर सकती है. वहीं देश में कम आय वाले लोगों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' में भी सरकार ज्यादा लोगों को इसका फायदा दे सकती है. 


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हेल्थ बजट में बढ़ोत्तरी संभव
पिछले बजट में सरकार ने हेल्थ सेक्टर के लिए 67,484 करोड़ रुपए दिए थे. अब कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी कर सकती है. स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार स्किल डेवलेपमेंट के लिए भी बजट बढ़ा सकती है. हालांकि ये भी माना जा रहा है कि हेल्थकेयर सेक्टर का बजट बढ़ाने के साथ ही सरकार इस क्षेत्र में लगने वाले सेस को भी बढ़ा सकती है. इस साल कोरोना टीकाकरण अभियान के लिए भी बड़ी रकम की जरूरत होगी. जिसके लिए सरकार बजट में ही प्रावधान कर सकती है. 


हेल्थ इंश्योरेंस में मिल सकती है छूट
देश के ज्यादा से ज्यादा लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस से जोड़ने के लिए सरकार हेल्थ इंश्योरेंस में आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत छूट दे सकती है. जिससे टैक्स में इंश्योरेंस की कवरेज को बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम कम करने के लिए और दवाईयों और मेडिकल डिवाइस सस्ती करने के लिए सरकार इन पर जीएसटी में छूट दे सकती है. 


ग्रामीण इलाकों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार कर सकती है फोकस
केन्द्र सरकार अगले वित्त वर्ष में छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर जोर दे सकती है. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य निवेश को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में छूट दे सकती है. इंडस्ट्री चैंबर फिक्की की तरफ से भी सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सुझाव दिए गए हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ भी भारत में मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली की वकालत कर चुकी हैं. 


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