धमतरीः सेना में भर्ती होकर देश सेवा का जज्बा युवाओं में भरा होता है. लेकिन अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं मिल पाती, न प्रशिक्षण के लिए मैदान होता है और नहीं दूसरी अन्य सुविधाएं. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जो इन सब परेशानियों को पीछे छोड़ते हुए देश के लिए नए फौजी तैयार करते हैं. कुछ ऐसा ही कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के धमतरी के एक व्यायाम शिक्षक घनश्याम ध्रुव जो सेना में जाने वाले लड़के और लड़कियों को फ्री में ट्रेनिंग दे रहे हैं. 


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 दरअसल, मगरलोड़ विकास खण्ड के सैकड़ों युवा सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं. लेकिन इन युवाओं को न तो पर्याप्त सुविधाएं मिल पाती हैं और न उन्हें समय पर कोई सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता. ऐसे में कई होनहार युवा सेना में जाने से वंचित हो जाते हैं. लेकिन इन युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आए व्यायाम शिक्षक घनश्याम ध्रुव जो लगातार इन युवाओं फ्री में ट्रेनिंग दे रहे हैं. 



20 सालों में फ्री में दे रहे ट्रेनिंग
अब शिक्षक घनश्याम ध्रुव अपने गांव सहित अपने आसपास के युवाओं को आर्मी, बीएसएफ, नेवी, सीआरपीएफ, वायु सेना और पुलिस की फिजिकल रिटर्न परीक्षा की ट्रेनिंग पिछले 20 सालों से फ्री में दे रहे हैं. जिससे देश सेवा में जाने के इच्छुक युवाओं में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. बताया गया कि ट्रेनिंग के लिए युवा सुबह 5 बजे कुंडेल गांव की विद्युत सब स्टेशन में एकजुट हो जाते हैं. जिसके बाद घनश्याम ध्रुव उनकों ट्रेनिंग देते है और उनकी कमियों को सुधारते हैं. 



लड़कियों ने भी शुरू की प्रैक्टिस
खास बात यह है कि पहले इस ट्रैनिंग कैंप में लड़के ही आते थे. ट्रेनिंग में अब युवतियां भी बड़ी संख्या में हिस्सा ले रही है और सेना में जाने के लिए प्रैक्टिस कर रही है. ट्रेनिंग ले रही युवतियों का कहना है कि यहां सेना में भर्ती के सारे गुण बारीकी से सिखाए जाते हैं. फिजिकल में जो भी कमियां है, उनको दूर करने का उपाय भी बताया जा रहा है. जिससे उनकी राह आसान हो रही है. 


42 युवाओं को मिल चुकी है नौकरी 
खास बात यह है कि व्यायाम शिक्षक घनश्याम ध्रुव से ट्रेनिंग लेकर अब तक आसपास के 42 युवाओं का चयन सेना में हो चुका है. वो भी तब जब इन युवाओं को ट्रेनिंग करने के लिए मैदान में भी नहीं है. लेकिन युवाओं की मेहनत और घनश्याम ध्रुव की ट्रेनिंग से यह सब संभव हो गया. 



ट्रेनर घनश्याम ध्रुव बताते हैं अब तक उनसे ट्रेनिंग लेकर क्षेत्र के 42 युवक सेना में भर्ती होकर देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर सेवा दे रहे हैं. उन्हें बहुत खुशी होती है यहां का नवजवान देश की सेवा कर रहा है. उनका कनहा है कि वह आगे भी इसी तरह युवाओं को ट्रेनिंग देते रहेंगे. ताकी देश को उनके जिले से बेहतर से बेहतर सैनिक मिल सकें. 



बहरहाल, देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह रखने वाले यहां के युवाओं ने मैदान की मांग को लेकर कई बार शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन 20 सालों के बाद भी शासन प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली है. युवा सेना में जाने के लिए गांव की छोटी सी नर्सरी में ट्रेनिंग लेने को मजबूर है. ट्रेनिंग लेने वाले लड़के खुद के पैसों से कुछ-कुछ आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं. लेकिन युवाओं की खेल मैदान की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है. 


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