MP के मदरसों में हिंदू बच्चों पर बवाल, बाल आयोग और मंत्री आमने-सामने, कांग्रेस ने साधा निशाना
MP News: मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ने पर महाभारत थमने का नाम नहीं ले रही है. अब बाल आयोग और स्कूल शिक्षा मंत्री की राय में विरोध दिख रहा है. इधर, कांग्रेस ने भी स्कूलों की व्यवस्था पर भाजपा पर निशाना साधा है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप का अलग-अलग रुख नजर आ रहा है. मदरसों में हिन्दू बच्चों के पढ़ने पर जहां बाल आयोग ने एतराज जताया, वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री को कोई एतराज नहीं है.
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दो दिन पहले ही मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ने पर एतराज जताया था. उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की थी, वहीं मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मदरसों में हिंदू बच्चों के पढ़ने को लेकर कहा कि मदरसों में स्कूल बच्चा जाता है तो उसमें उतनी बुराई नहीं है लेकिन वहां क्या पढ़ाया जाता है यह जरूरी है. इस पर स्कूल शिक्षा विभाग का फोकस है.
आंकड़ों पर उठाए सवाल?
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो NCPCR ने बताया है सही आंकड़ा नहीं है. ये प्रारम्भिक तौर पर आंकड़े सही नहीं है. एक्चुअल आंकड़े पता लगाए जा रहे हैं.
मदरसों में 19 हजार के करीब हिंदू बच्चे
इस बीच में मुस्लिम धर्म गुरु और मदरसा संचालक के बयान पर यदि गौर करें तो दोनों के बयान से मुस्लिम धर्म गुरु और मदरसा संचालक के आंकड़े चौकाने वाले हैं. मदरसा संचालक ने कहा है कि मध्य प्रदेश के मदरसों में 19 हजार के आसपास हिंदू बच्चे पढ़ते हैं. मदरसा प्रिंसिपल ने कहा कि बड़े-बड़े बीजेपी के नेता मदरसों से पढ़कर निकले हैं. मदरसों में हिन्दू बच्चों को हिंदी उर्दू समय दूसरी भाषाओं की तालीम दी जाती है.
कांग्रेस ने साधा निशाना
इधर, मध्य प्रदेश के स्कूलों में व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी ने निशाना साधा. कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने कहा कि स्कूलों के हाल-चाल हैं, लेकिन सरकार मदरसे के पीछे परेशान है. इसलिए स्कूलों में शिक्षा के स्तर पर गिरता जा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस नेता आनंद जाट ने कहा कि सरकार और आयोग एक दूसरे पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. बाल संरक्षण आयोग जिस विषय पर आपत्ति जता रहा है क्या वह संवैधानिक रूप से सही है या नही? जो बच्चे जहां पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें वहां व्यवस्था उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
भाजपा ने दी सफाई
दूसरी ओर भाजपा ने शिक्षा व्यवस्था की जमकर तारीफ की. कांग्रेस को आधे हाथों लेते हुए भाजपा प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश को बदनाम करने वाले मुद्दों का हमेशा उठाने का काम करती है. मध्य प्रदेश के स्कूल पहले से बेहतर हुए हैं और शिक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है.
भोपाल से प्रमोद शर्मा और आकाश द्विवेदी की रिपोर्ट