Bhopal News: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम मोहन यादव ने जो अहम फैसले लिए थे, उनमें BRTS (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने का फैसला भी शामिल था, जिस पर तेजी से अमल हो रहा है. मुख्यमंत्री मोहन यादव आज BRTS को हटाने का प्रेजेंटेशन देखेंगे, जिसमें भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के अधिकारी जुटेंगे, जो सीएम को बीआरटीएस को तोड़ने का पूरा प्लान बताएंगे. बताया जा रहा है कि इसमें 18.51 करोड़ रुपए की लागत आने वाली है. 


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बीआरटीएस कॉरिडोर हटेगा 


राजधानी भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की तैयारी चल रही है. सीएम के साथ होने वाली बैठक में रोशनपुरा से कमला पार्क तक, कलेक्टोरेट से लालघाटी तक, मिसेराद से एम्प्री तक और हलालपुर से सीहोर नाके तक बीआरटीएस को हटाया जाएगा. दरअसल, आज सीएम को दिखाए जाने वाले प्रेजेंटेशन को अगर ओके मिलता है तो फिर मार्च तक कॉरिडोर हट जाएगा. क्योंकि इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी और उससे काम रुक सकता है. इसलिए जल्द से जल्द बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का काम शुरू हो सकता है. 


तीन-तीन लेन बनाने का प्लान


बता दें कि इन चारों जोन में बीआरटीएस की वजह से काफी जगह भरी रहती है. इन सभी जोन में वाहनों के लिए सिर्फ 2 लेन ही है, ऐसे में बीआरटीएस हटाकर तीन-तीन लेन बनाने का प्लान है, ताकि ट्रॉफिक की समस्या काफी हद तक दूर हो जाए. खास बात यह है कि बैरागढ़ में 306 करोड़ रुपए की लागत से एलीवेटेड कॉरिडोर पहले ही प्रस्तावित हो चुका है. इसके टेंडर भी जारी हो चुके हैं, ऐसे में इसी प्रोजेक्ट में बीआरटीएस को हटाने की प्रक्रिया को भी शामिल किया जाएगा, ताकि नगर निगम पर अतिरिक्त बोझ न पड़े. 


ट्रॉफिक समस्या को दूर करने का प्लान


दरअसल, राजधानी भोपाल में ट्रॉफिक की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है. जिसमें बीआरटीएस भी एक बड़ी वजह हैं, सड़कों को चौड़ा करने और 2 लेन से सड़कों को तीन लेन बनाने में बीआरटीएस हटाना जरूरी है. ताकि तीसरी लेन पर दूसरे वाहन चलना शुरू हो जाएंगे. इसके अलावा राजधानी भोपाल की 48 से अधिक बस स्टॉप दोनों लेन पर चलती रहेगी. भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर को बनाने में कुल 357 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. 


बीआरटीएस के चलते हो रही यह परेशानियां 


दरअसल, बीआरटीएस कॉरिडोर पर केवल सिटी बसें ही चलती हैं, लेकिन दूसरे वाहन यहां से नहीं गुजर सकते, जिससे चलते दूसरी तरफ जाम की स्थिति बन जाती है. लेकिन बीआरटीएस के हटने से दूसरे वाहन भी यहां से गुजरना शुरू हो जाएंगे. ऐसे में यदि मिनी बसें या अन्य गाड़ियां कनेक्ट होती तो जाम की स्थिति नहीं बनेगी. इन्हीं वजहों से देश की राजधानी दिल्ली से भी बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाया जा चुका है, क्योंकि कॉरिडोर हटाने से दोनों तरफ एक-एक लेन मिल जाएगी, जिससे इससे ट्रैफिक का मूवमेंट ठीक होगा. इसके अलावा रोड सेफ्टी पर भी ध्यान दिया जाएगा. 


बीआरटीएस को हटाने के लिए दिखाए जाने वाले प्रजेंटेशन में सीएम मोहन यादव के अलावा मंत्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, विष्णु खत्री और मुख्य सचिव वीरा राणा भी शामिल होंगी. 


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