भोपाल:  मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना से अब आयकरदाता और एपीएल यानी (जो गरीबी रेखा से ऊपर वाले) वर्ग से बाहर होंगे. इसके लिए राज्य सरकार इस योजना की पात्रता शर्तों को बदलने जा रही है. इसके साथ ही विवाह-निकाह के 9 बड़े मुहुर्त मिलने के बजाय अब दो ही मुहुर्त दिए जाएंगे. जिसमें सामूहिक विवाह-निकाह होगा. सूत्रों का कहना है कि इसके लिए सामाजिक न्याय विभाग ने तैयारी कर ली है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किडनी की बीमारियों से परेशान 9 गांव के लोगों ने सरकार से मांगी इच्छा मृत्यु, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान?


कैबिनेट मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा
सरकार जल्द ही कैबिनेट मंजूरी के बाद इसे लागू कर देगी. यह योजना 2021-22 के लिए होगी. बता दें कि मु्ख्यमंत्री विवाह-निकाह योजना में हर साल तकरीबन 50 हजार शादियां होती हैं. हालांकि 2020 में कोरोना और लॉकडाउन के कारण इश स्कीम में कोई भी शादी नहीं हो पाई.


दो नए बदलाव किए जा सकते है 
बता दें कि पहले अब तक इस विवाह-निकाह योजना में एक से अधिक बार शादी की जा सकती थी. जैसे कोई व्यक्ति अपने जीवन में कितनी भी शादी करें, उसे हर बार इस योजना की प्रोत्साहन राशि मिलती थी. अब नई व्यवस्था में जो भी सामूहिक विवाह योजना में एक बाद शादी करके लाभ लेगा, वह दूसरी बार के लिए अपात्र माना जाएगा. दूसरा बदलाव यह कि अब बीपीएल और संबल योजना में पंजीकृत व्यक्ति ही इस योजना का लाभ ले पाएगा. इसी तरह निकाय का निवासी, उसी निकाय के सामूहिक विवाह सम्मेलन में भाग लेगा.


बिल वसूलने के लिए बिजली कंपनी ने निकाला गजब तरीका, बकाएदार शहर भर में हो रहे बदनाम!


सरकार के बचेंगे करोड़ों योजना
बता दें कि अभी मुख्यमंत्री विवाह योजना में हर साल 200 से अधिक करोड़ रुपए खर्च होते हैं. लेकिन इस नए प्रावधान के बाद 40 से 50 करोड़ रुपए सरकार के बचेंगे. साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण कोई सामूहिक विवाह सम्मेलन नहीं हुए. इसलिए कोई राशि जारी नहीं हुई है.


WATCH LIVE TV