Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में शुक्रवार को सामने आए 7 छात्राओं से दुष्कर्म मामले के बाद अब साइबर पुलिस की ओर से लड़कियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. पुलिस ने कहा है कि अगर आपके पास कोई कॉल आए और उस पर वॉइस चेंजिंग जैसा कुछ लगे तो नजदीकी पुलिस थाना और 1930 में कॉल कर इसकी शिकायत करें. दरअसल, सीधी में पीड़ित छात्राओं को फंसाने के लिए वॉइस चेजिंग मोबाइल एप का इस्तेमाल किया था.


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रीवा जोन की आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने सीधी के पुलिस अधिक्षक सभागार में मझोली में आदीवासी छात्राओं के साथ हुए दुष्कर्म के मामले का खुलासा किया. 
उन्होंने बताया कि दुष्कर्म की घटना में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने सात छात्राओं के साथ बलात्कार करने की घटना को कबूल किया है. जिसमें से एक अभी नाबालिक है और आरोपियों के कब्जे से 16 मोबाइल फोन जप्त किए गए हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है. 


अलग फोन का इस्तेमाल करते थे आरोपी
आरोपी हर छात्रा को बुलाने के लिए अलग फोन और सिम का इस्तेमाल आरोपी करते थे. आईजी महेंद्र सिकरवार ने कहा कि घटना की जांच पड़ताल जारी है. अभी आगे जो तथ्य सामने आएंगे. उनकी जानकारी दी जाएगी. आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ अभी जारी रखी गई है. मामले में अबतक 4 FIR हो चुकी हैं. 


SIT करेगी जांच
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मामले की जांच के लिए  SIT टीम का गठन निर्देश किए हैं. मामले की जांच अब 9 सदस्यीय टीम करेगी. एसडीओपी रोशनी सिंह ठाकुर के नेतृत्व में SIT पूरे मामले की जांच करेगी. 7-7 दिन में आवश्यक रूप से पुलिस महानिरीक्षक रीवा को जांच से अवगत कराने के निर्देश दिए. सीएम डॉक्टर मोहन यादव सोशल मीडिया X पर लिखा- सीधी जिले के मझौली थाना में आदिवासी छात्राओं से स्कॉलरशिप देने का लालच देकर गलत कार्य करने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.


कमलनाथ ने की थी जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की जांच उच्चस्तरीय कमेटी से कराने की मांग की थी. उन्होंने X पर लिखा- एमपी में आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई जाए. मामले की जांच उच्चस्तरीय हो. सीधी जिले में स्कॉलरशिप का झांसा देकर सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है. पुलिस का कहना है कि और भी लड़कियां इसका शिकार हो सकती हैं. बलात्कार पीड़ित आदिवासी लड़कियों की संख्या 7 से अधिक भी हो सकती है.


रिपोर्ट: प्रमोद शर्मा