आगर: कोरोना महामारी के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो आने वाली परेशानियों का बड़े साहस के साथ मुकाबला कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, मध्यप्रदेश के आगर से जहां पत्नी की मौत की खबर सुनने के बाद 130 किलोमीटर दूर रहने वाले पति को आने के लिए कोई साधन न मिला तो वह पौने 13 घंटे में साइकिल के माध्यम से आगर आ पहुंचा.


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दरअसल इंदौर से 10 किलोमीटर दूर ग्राम तलावली में रहने वाले रवि शंकर पंवार की शादी 1986 में मालीपुरा आगर निवासी स्व. बंशीलाल बनासिया की बेटी सुमन से हुई थी. मानसिक रोगी होने के कारण कुछ समय से सुमन मायके में ही रह रही थी. हाल ही में पैर फिसल जाने के कारण सुमन की हालत और नाजुक बनी हुई थी, और 8 मई को सुमन का निधन हो गया.


साइकिल से आने का फैसला किया
सुमन के परिजनों ने रवि शंकर को शोक संदेश पहुंचा दिया, लेकिन रवि शंकर आने में इसलिए असमर्थ थे कि उनकी भाभी का उस दिन दसवां था. इसके बाद भाभी का उत्तराकर्म पूरा करवाने के बाद रवि शंकर ने आगर आने के लिए साधन ढूंढ़ा तो नहीं मिला, ऐसे में प्लंम्बर का कार्य करने वाले रवि शंकर ने अपनी सायकिल से ही आगर आने का निश्चय कर लिया.


सफेद पट्टी देखकर तय की मंजिल
रवि शंकर शाम 5 बजे अपने गांव से निकले इंदौर से थोड़ा आगे चले थे कि रात हो गई. पूरी रात अंधेरे में सड़क की थर्माप्लास्टिक की सफेद पट्टी देखकर सायकिल चलाते हुए अगले दिन सुबह पौने 7 बजे आगर आ गए. रवि शंकर ने बीच में मात्र एक घंटे आराम किया. रास्ते में उन्हे चाय, नाश्ता कुछ नहीं मिला, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के चलते सभी जगह दुकानें बंद थी. उनके पास जो थोड़ा बहुत खाने का था, वह रास्ते में खा लिया. पानी भी घर से लेकर आए थे वही पिया. 


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ससुराल वाले चौंक गए
रवि शंकर को सायकिल से इतनी दूर आगर से आता देख उनके ससुराल वाले भी चौंक गए. रवि शंकर ने बताया कि यदि रात नहीं होती तो वह 7 घंटे में आगर आ जाते. इतनी परेशानी उठाकर आगर आए रवि शंकर पत्नि के अस्थी संचय कार्यक्रम में शामिल हो गए.


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