MP में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का डाटा जुटाएगी सरकार, जानिए इसकी वजह
भोपाल में कोरोना के बढ़ते खतरें को देखते हुए अब इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का डाटा जुटाने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए हैं.
प्रमोद शर्मा/भोपाल। कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा डायबिटीज के मरीजों को है. जबकि ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले में भी डायबिटीज के मरीजों में ही सामने आ रहे हैं. ऐसे में भोपाल जिला प्रशासन ने डायबिटीज के मरीजों का डाटा इकठ्ठा करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें जल्द ही इन मरीजों की जानकारी इकठ्ठी करेंगी.
इस वजह से दिए निर्देश
भोपाल के कलेक्टर अविनाश लावनियां ने बताया कि डायबिटीज रोगियों में कोविड संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है. ऐसे में अब उन लोगों का ज्यादा ध्यान रखा जाएगा. जिन्हें डायबिटीज की बीमारी है. कलेक्टर अविनाश लवानिया ने शासकीय और निजी चिकित्सालयों के प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में भर्ती और इलाज के लिए आने वाले डायबिटीज के सभी मरीजों का रिकार्ड हर 15 दिन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल को उपलब्ध कराएं.
भोपाल के सभी अस्पताल प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि भोपाल जिले में कोविड संक्रमितों की समीक्षा से यह बात पता चली है कि डॉयबिटीज मेलाइट्स रोगियों में कोविड होने पर कोविड रोग की गंभीरता अधिक होती हैं. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को महामारी से बचाने के लिए प्रयास तेज होंगे. इसके लिए जरूरी है कि अपने संस्थानों में आने वाले समस्त डॉयबिटीज मेलाइट्स रोगियों की जानकारी एकत्रित करी जाए.
ब्लैक फंगस का खतरा भी ज्यादा
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा अधिक है. ऐसे में डॉक्टरों की भी यही सलाह है कि कोविड मरीजों को नियमिततौर पर अपने शुगर लेवल की जांच करानी चाहिए. ताकि उन्हें अपने शुगर लेवल का पता रहे. लेकिन अब भोपाल जिला प्रशासन के इस अनोखे प्रयास से डायबिटीज के मरीजों के इलाज में आसानी होगी. डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज के मरीज कोविड होने पर चिकित्सकों की सलाह के बिना स्टेरॉयड का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ठीक होने के अगले छह हफ्ते बाद तक भी मरीज को अपने शुगर लेवल की नियमित जांच करानी चाहिए.
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