New Rules: इस कागज के बिना भी मिलेगा बीमा क्लेम, जानें एक्सीडेंट से जुड़ा ये नियम
कोई भी वाहन चलाने के लिए ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के पकड़े जाने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. इतना ही नहीं एक्सीडेंट होने ेकी स्थिति में मामला बिगड़ भी सकता है.
New Rule For Vehicle Driver: वाहन चलाते के लिए किसी भी ड्राइवर पास ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) होना सबसे जरूरी है. ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने के लिए सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक कानूनी अनुमति है. ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने की स्थिति में पकड़े जाने पर जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है. इतना ही नहीं एक्सीडेंट होने पर यह स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है. ऐसी स्थिति में अगर ड्राइविंग लाइसेंस न हो तो कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है. हालांकि, एक्सीडेंट होने की स्थिति में एक मामले में राहत मिल गई है.
अब एक्सीडेंट होने पर किसी भी स्थिति में पीड़ित मुआवजे (Accident Claim) का हकदार होगा. हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि भले ही टक्कर मारने वाले वाहन के ड्राइवर का लाइसेंस समाप्त हो गया हो या वह अमान्य हो, किसी भी स्थिति में बीमा कंपनियां को पीड़ित के परिजनों को मुआवजे का भुगतान करना होगा. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अगर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन ड्राइवर का लाइसेंस समाप्त हो गया है और वह रिन्यू नहीं हुआ है, तो इसका मतलब यह नहीं है वह वाहन चलाना नहीं जानता है.
महिला के परिवार को मिलेगा पैसा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए एक बड़ी बीमा कंपनी को नवंबर 2011 में एक दुर्घटना में जान गंवाने वाली महिला के परिवार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी बाद में आपत्तिजनक वाहन के मालिक से मुआवजे की राशि वसूल कर सकती है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आगे कहा कि यह सीधा सा सिद्धांत है अगर एक्सीडेंट के वक्त टक्कर मारने वाले वाहन के ड्राइवर के पास वैलिड ड्राइवर लाइसेंस नहीं है तो तब भी बीमा कंपनी को पीड़ित या उसके परिवार को क्लेम देना होगा.
इस नियम के खिलाफ आया फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट एक सड़क हादसे में मृतक महिला के परिवार के सदस्यों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की ओर से पारित एक आदेश को चुनौती दी गई थी. न्यायाधिकरण के इस आदेश में ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी को क्लेम का भुगतान नहीं करने से छूट दी गई थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "दुर्घटना के समय चालक के ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू नहीं किया गया था. इसका मतलब यह नहीं है कि वह गाड़ी चलाना नहीं जानता है."