गौरेला-पेंड्रा-मरवाहीः छत्तसीगढ़ का 28वां जिला बने गौरेला पेंड्रा मरवाही (GPM) के पहले SP सूरज सिंह परिहार इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चाओं में बने हुए हैं, इसकी वजह उनके ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशंस हैं. जिनमें वह UPSC, CGPSC और अन्य प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के डाउट सॉल्व करने के साथ ही, इन परीक्षाओं की तैयारी के टिप्स भी दे रहे हैं.


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चार सप्ताह पहले शुरू किए गए उनके पहले ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन में पच्चीस सौ, दूसरे ट्रेनिंग सेशन में 3 हजार जबकि तीसरे ही सेशन में 13 हजार लोगों ने भाग लिया, जो कुछ दिन पहले ही आयोजित हुआ था.


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बेहतर तैयारी के लिए शुरू किया बुक बैंक
सूरज परिहार ने जीपीएम जिले के पुलिस अधीक्षक का पद संभालते ही प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मार्गदर्शन देने का प्लान बनाया. उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए करियर काउंसलिंग शुरू की और इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से तैयारी कर रहे छात्रों के डाउट दूर किए. उन्हें लगा कुछ स्टूडेंट्स तैयारी के लिए किताबों की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ही बुक बैंक शुरू कर दिया. यहां अभ्यर्थियों को सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी किताबे पढ़ने के लिए उपलब्ध मिलेगी.


सोशल मीडिया पर अपील के बाद जमा होने लगीं किताबें
अधीक्षक परिहार ने सोशल मीडिया पर एक VIDEO पोस्ट करते हुए अन्य प्रशासनिक अधिकारियों और लोगों से अपील की थी कि वे बुक बैंक कॉन्सेप्ट को फैलाएं. इससे जुड़कर फायदा उठाएं और अधिक से अधिक मात्रा में इस पहल में सहयोग प्रदान करें. उनकी अपील के बाद से ही कई लोगों ने सामने आकर बुक बैंक में आवश्यक किताबें उपलब्ध करवाने में मदद की. इसके अलावा कई जरूरतमंद स्टूडेंट्स ने उनसे जुड़ने के लिए संपर्क भी किया.  


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देश-विदेश से ऑनलाइन डिलीवरी के माध्यम से लोगों ने भेजीं पुस्तकें
एसपी परिहार की अपील का VIDEO सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देश-विदेश के भारतीयों ने किताबें भेजना शुरू कर दिया. बुक बैंक की शुरुआत ही ओमान मस्कट में रहने वाले एक NRI ने 60 किताबें ऑनलाइन शॉपिंग एप के जरिए भेज कर की. बिलासपुर रेंज के IPS दीपांशु काबरा ने वीडियो देखते ही बड़ी संख्या में किताबों की खेप बुक बैंक तक पहुंचाई. इस वक्त बुक बैंक में स्कूल के बच्चों से लेकर यूपीएससी तक की किताबें उपलब्ध हैं. एसपी ने दो रूम में किताबें रखने के साथ ही स्टडी रूम भी तैयार करवाया, जहां बैठकर किताबें पढ़ीं जा सकें. स्टूडेंट्स चाहे तो बुक इश्यू कराकर घर भी ले जा सकते हैं, जो उन्हें वापस जमा भी करानी होगी.


बच्चों को देना चाहते हैं सही मार्गदर्शन
एसपी परिहार ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी से पहले कॉल सेंटर में जॉब की. वहां से बैंक की परीक्षा पास कर वहां भी नौकरी की. नौकरी से पैसा जुटाने के साथ ही उन्होंने परीक्षा की तैयारी भी की, लेकिन इन सब में उन्हें बहुत ज्यादा समय लग गया. उन्होंने कहा कि वह बच्चों को ऑनलाइन काउंसलिंग दे रहे हैं ताकि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले और वे ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए परीक्षा पास करने पर ध्यान केंद्रित करें.


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IPS अफसरों से भी मांगी मदद
IPS परिहार खुद तो सोशल मीडिया पर स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दे ही रहे हैं, वह दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों से भी बच्चों को टिप्स देने लिए कॉर्डिनेट करते हैं. पिछले ही ऑनलाइन सेशन में उन्हें 9 अधिकारियों का साथ मिला था. लेकिन जब कभी वह अधिकारियों की सहायता नहीं ले पाते हैं, वह अकेले ही सेशन कंडक्ट कर स्टूडेंट्स की समस्या को दूर करते हैं. 


ज्यादातर स्टूडेंट्स को आ रही ये चार समस्याएं
उन्होंने बताया कि अब तक जितने भी सेशन उन्होंने लिए, उनमें स्टूडेट्स को चार तरह की समस्याएं सबसे ज्यादा देखने को मिली. 


1. अंग्रेजी बोलना कैसे सुधारें?
2. जॉब करने के साथ यूपीएससी की तैयारी मैनेज कैसे करें?
3. ऑप्शनल सब्जेक्ट किसे चुनें?
4. सोशल मीडिया से दूरी कैसे बनाए और फोकस कैसे हासिल करें?


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उन्होंने सुझाए ये चार उपाय-


1. काम-पढ़ाई-आरामः- स्टूडेंट्स को अपनी जॉब का काम करने के बाद पढ़ाई और उसके बाद पर्याप्त समय के लिए आराम भी करना चाहिए. 


2. सभी सामान एक साथ रखेंः- स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी शुरू करने से पहले सभी संशाधन एक साथ रख लेना चाहिए, जिससे डिस्ट्रेक्शन कम हो और ध्यान बना रहे. 


3. परेशानी और मुश्किलों का डटकर सामना करें.


4. हमेशा प्लान बी तैयार रखेंः- यूपीएससी को लम्बी लड़ाई समझें और उसी हिसाब से अपने प्लांस भी रेडी रखें. 


आईपीएस परिहार बताते हैं कि उन्होंने उनके जीवन के महत्वपूर्ण चार साल इन्हीं बुनियादी सवालों के जवाब ढूंढने में गंवा दिए. अब उन्हें लगता है कि अगर कोई स्टूडेंट्स उनसे तैयारी में आ रही परेशानियों के बारे में बात करता है तो वह हर संभव प्रयास कर उस समस्या को सुलझाने में लग जाते हैं.


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