रीवाः हर इंसान में कोई न कोई हुनर जरूर होता है, बस जरूरत होती है तो उस हुनर का सही समय पर इस्तेमाल करने की. रीवा (rewa) में आईटीआई (ITI) के एक छात्र ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. जिसने महज 100 रुपए के खर्चे में लकड़ी से एके-47 (AK-47) राइफल की डमी बनाई है. खास बात यह है कि इस राइफल को बनाने में छात्र ने महज दो दिन का समय लिया. छात्र के इस प्रयास से खुश होकर सेना के अधिकारियों ने युवक को सम्मानित किया है.


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NCC कैंप नहीं थी राइफल 
दरअसल, रीवा में हर साल एनसीसी का कैंप का आयोजन होता है, लेकिन कैंप में राइफल नहीं होने से छात्रों को राइफल का प्रशिक्षण नहीं मिल पाता था. ऐसे में आटीआई के छात्र आशीष कुमार विश्वकर्मा (Ashish Kumar Vishwakarma) के दिमाग में लकड़ी की डमी राइफल बनाने का ख्याल आया है. आशीष ने इसके लिए सेना के कुछ लोगों से बात की और राइफल बनानी शुरू कर दी. 


दो दिन के अंदर बनाई लकड़ी की एके-47
खास बात यह है कि के आटीआई के छात्र आशीष विश्वकर्मा ने महज दो दिन के अंदर ही लकड़ी की डमी एके-47 राइफल बना दी. जिसे बनाने में छात्र को महज 100 रुपए का खर्च आया. राइफल में 60 रुपए का एक लेंस लगा हुआ है और 40  का खर्च उसे पेंट करने में आया है. जबकि गन की  बैरल में लोहे के पाइप का इस्तेमाल किया गया है, आशीष ने बताया कि उसने पहले एके-47 बंदूक देखी और राइफल की पिक्चर दिमाग में बैठा कर लकड़ी से उसकी हूबहू  गन तैयार कर दी. खास बात यह है कि यह बंदूक बिल्कुल असली राइफल की तरह लग रही है. 


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सेना के डीएम को सौंपी राइफल 
आशीष ने यह राइफल बनाने के बाद सबसे पहले सेना के अधिकारियों को दिखाई. जिसे देखकर सेना के अधिकारी बहुत खुश हुए. आशीष ने यह बंदूक सागर से एनसीसी कैंप में शामिल होने पहुंचे  सेना के डीएम सौंप दी. छात्र के इस प्रयास पर सेना के अधिकारियों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए आशीष को सम्मानित किया. सेना के डीएम का कहना है कि उन्हें यह माडल काफी पसंद आया है, जिसे वह सेना के दूसरे अधिकारियों को भी दिखाएंगे. 


इसी राइफल से हो रही ट्रेनिंग 
खास बात यह है कि आशीष द्वारा बनाई गई इस डमी राइफल से ही एनसीसी कैंप में शामिल होने पहुंचे छात्रों को ट्रेनिंग भी कराई जा रही है. आशीष का कहना है वह आगे भी इस तरह के प्रयोग करता रहेगा. क्योंकि इस तरह के काम करने में उसे मजा भी आता है और बहुत कुछ सीखनें को भी मिलता है. 


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