Jhiram Ghati Naxal Attack:  25 मई 2023 को झीरम घाटी कांड के पूरे 10 साल हो जाएंगे. यह दिन हर साल अपने साथ एक नृशंस हत्याकांड की याद लेकर आता है. ठीक 10 साल पहले 25 मई 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में देश के दूसरे सबसे बड़े नक्सली हमले को अंजाम दिया गया. इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं समेत कुल 32 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.  


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छत्तीसगढ़ के लिए झीरम घाटी कांड एक कभी न भरने वाले घाव की तरह है. 10 साल बाद भी इस हत्याकांड का रहस्य अनसुलझा है. हम अब तक झीरम कांड के गुनहगारों तक नहीं पहुंच पाए हैं. कांग्रेस ने पिछले साल से ही इस दिन को झीरम घाटी शहादत दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की है. बहरहाल इस हत्याकांड के कई रहस्य अब तक अनसुलझे हैं और पता नहीं कब तक झीरम घाटी के पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा. खैर आज यहां इस भयावह हमले की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं...


खत्म हो गई थी कांग्रेस की टॉप लीडरशिप
साल 2013 के आखिर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. पिछले 2 बार से भाजपा की सरकार थी. 10 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस पूरा जोर लगाना चाह रही थी. कांग्रेस ने पूरे राज्य में परिवर्तन यात्रा निकालने का ऐलान किया है. 25 मई 2013 को सुकमा जिले में परिवर्तन यात्रा का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर जा रहा था. 25 गाड़ियों में करीब 200 लोग थे. कांग्रेस नेता कवासी लखमा, नंदकुमार पटेल, दिनेश पटेल, महेन्द्र कर्मा, मलकीत सिंह गैदू और उदय मुदलियार समेत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लगभग सभी शीर्ष नेता काफिले में शामिल थे.


इस तरह की गई 32 लोगों की हत्या
शाम को 4 बजे काफिला जैसे ही झीरम घाटी से गुजरा, तभी नक्सलियों ने पेड़ गिराकर रास्ता रोक दिया. कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही पेड़ों के पीछे छिपे 200 से ज्यादा नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. करीब डेढ़ घंटे तक गोलियां चलती रहीं. इसके बाद नक्सलियों ने एक-एक गाड़ी को चेक किया. जिन लोगों की सांसें चल रहीं थी उन्हें फिर से गोली मारी. जिंदा लोगों को बंधक बनाया. हमले में 32 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई. बताया जाता है कि नक्सलियों का मुख्य टारगेट बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा थे. इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि नक्सलियों ने कर्मा को करीब 100 गोलियां मारी थीं और चाकू से शरीर पूरी तरह छलनी कर दिया था. बताया जाता है कि नक्सलियों ने उनके शव पर चढ़कर डांस भी किया था.