भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासी उठापटक के बीच कमलनाथ सरकार के 20 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. ये वो मंत्री हैं, जो कैबिनेट बैठक में भी मौजूद थे. सीएम कमलनाथ (CM Kamalnath) को इस्तीफा सौंपकर सीएम हाउस से बाहर निकले मंत्रियों ने साफ किया कि वो सीएम कमलनाथ के साथ हैं और उन्हें नए सिरे से मंत्रिमंडल पुनर्गठन की ताकत देने के लिए ही सामूहिक इस्तीफे देने का फैसला लिया गया है. मंत्रियों ने ये भी दावा किया कि सरकार पर कोई संकट नहीं है, सरकार पूरे पांच साल चलेगी. कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री आवास में कई घंटों तक दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा के साथ भी सीएम कमलनाथ ने बैठक की. जिसमें सभी मंत्रियों के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी मौजूद रहे. वहीं अब आज शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.


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सोमवार रात भी मुख्यमंत्री आवास पर अहम बैठक बुलाई गई. जिसमें कमलनाथ समर्थक 16 मंत्री शामिल हुए. बैठक में जीतू पटवारी, सचिन यादव, गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह मौजूद रहे. इस बीच कमलनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि माफिया के सहयोग से अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा. सौदेबाजी की राजनीति मध्य प्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है. मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है.


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कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा निशाना
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि पंद्रह साल तक भाजपा ने सत्ता को सेवा का नहीं भोग का साधन बनाए रखा. आज भी बीजेपी अनैतिक तरीके से सरकार को अस्थिर करना चाहती है. भाजपा सिर्फ और सिर्फ सत्ता की भूखी है. उसे प्रदेश के नागरिकों और उसके विकास से कोई सरोकार नहीं है.


कई राज्यों में सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी की बौखलाहट
कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले कई महीनों में सात राज्यों में अपनी सरकार गवां दी. इससे बौखलाकर कांग्रेस सरकार को 5 साल पूरा न करने देने की कुत्सित और घिनौनी कोशिशे पहले दिन से ही शुरू हो गई थी. भाजपा मध्य प्रदेश के भविष्य के साथ भी धोखा कर रही है और प्रदेश के विकास की असीम संभावनाओं को भी आघात पहुंचा रही है.


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