राम मंदिर के सामने ही मांगते थे भिक्षा, अब अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए दान की दिनभर की कमाई
शहर में इस समाज के लोग एक अलग बस्ती बनाकर रहते हैं, जो अब तक मंदिर के बाहर भीख मांगकर अपना जीवन यापन करते आए हैं.
रतलाम/चंद्रशेखर सोलंकीः मध्य प्रदेश के रतलाम शहर से आस्था में नई उम्मीद खोजते एक समाज की तस्वीर सामने आई है. यहां आर्थिक रूप से कमजोर व कुष्ठ रोग से पीड़ित एक बस्ती के 40 परिवारों ने मिलकर अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए दान किया है. इस समाज के लोग पिछले कई सालों से शहर में बने राम मंदिर के आगे ही भिक्षा मांगकर अपना भरण-पोषण करते आए हैं.
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सबसे बड़ा राम का नाम, इन्हीं की वजह से दूर हुए कष्ट
रतलाम शहर में मंदिर के बाहर बैठकर भिक्षा मांगने वाले ये सभी लोग कुष्ठ रोग (इस बीमारी का असर व्यक्ति की त्वचा, आंखों और श्वसन तंत्र पर रहता है) से पीड़ित है. जो अपनी अलग बस्ती में आम लोगों की तरह रहते हैं. ये सभी शरीर से असहाय है और अपनी आर्थिक स्थिति के आगे मजबूर भी. उन्होंने अपनी एक दिन की कमाई को जोड़कर कुल 3,863 रुपये की राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दान की है. उनका कहना है कि सबसे बड़े राम हैं, राम की ही वजह से उन लोगों के सारे कष्ट दूर हुए हैं. राम का मंदिर बनाना उनका भी सपना है.
भगवान भरोसे कर रहे जीवन यापन
पिछले कई सालों से कुष्ठ रोगी बस्ती में अपना जीवन यापन कर रहे इन लोगों की अक्षमता देख कई लोग इनकी मदद को आगे आते हैं. बस्ती के लोगों ने बताया कि इतने सालों तक वे सभी भगवान राम के ही भरोसे अपना जीवन जी रहे हैं. उन्हें जैसे ही राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा होने की जानकारी मिली. उन्होंने मिलकर अपनी एक दिन की कमाई राम जन्म भूमि निधि संस्था को सौंप दी. जिससे कि मंदिर निर्माण में उनका हिस्सा भी शामिल हो सके.
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संस्था ने किया कुष्ठ रोगी बस्ती के लोगों का सम्मान
राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटा रही राम जन्म भूमि निधि संस्था के प्रमुख लक्ष्मण कुमार से इस बारे में बात की गई. उन्होंने बताया कि रतलाम के मोती नगर क्षेत्र में यह कुष्ठ रोगी बस्ती है. इस बस्ती में अब तक बाहर से ही लोगों ने आकर इनकी मदद की है. लेकिन आज इन लोगों ने भी सामने से आकर दान दिया और सभी को भाव विभोर कर दिया. उनके इस सहयोग को देखते हुए संस्था ने बस्ती के सभी 40 परिवारों को सम्मानित किया है.
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