भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त महीने में अपनी मन की बात कार्यक्रम में पुलिस के डॉग स्क्वॉड में देसी नस्लों के श्वानों को शामिल करने का जो सुझाव दिया था, जिसपर मध्यप्रदेश पुलिस ने अमल किया है. एमपी पुलिस में देसी नस्ल के डॉग शामिल हुए है. इन डॉग को पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेंड किया जा रहा है.


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दरअसल एमपी देश का पहला राज्य होगा जो अपनी BD&DS (बम डिस्पोजल औऱ डॉग स्क्वाड) की टीम में देशी नस्ल के डॉग को शामिल करने जा रहा है. इसके साथ ही पहला मौका है जब प्रदेश में पहली बार देसी नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. देसी नस्लों में मुधोद, रामपुर ग्रेहाउंड, राजपलायम, कन्नी, चिप्पीपराई और कोम्बाई का चयन किया गया है.


देसी नस्लों के डॉग की खासियत
मुधोद : देखने की क्षमता पैनी होती है.
कोम्बाई: चालक, ताकतवर और स्वामी भक्त.
चिप्पीपराई: शिकार करने में माहिर.
कन्नी: बेहद फुर्तीले और शिकार में तेज.
राजपालयम: उत्कृष्ट प्रहरी
रामपुर ग्रेहाउंड: तेज रफ्तार और मजबूत जबड़े।


कई मामलों में निर्णायक भूमिका
आपको बता दें कि प्रशिक्षण के लिए कुत्तों के छह माह के बच्चे लाए जाते हैं. पहले इन्हें स्थानीय वातावरण के अनुकूल बनाया जाता है. ट्रेनिंग के बाद आवश्यकतानुसार जिलों में डॉग को भेजा जाता है. ये ट्रैकर चोरी को पकड़ने और स्नेफर विस्फोटक का पता लगाने में दक्ष होते हैं. एक जानकारी के अनुसार साल 2020 में नवंबर महिने तक प्रदेश में 11 ऐसे मामले थे, जिन्हें डॉग स्क्वॉड के माध्यम से सुलझाया गया था. जिसमें एक मामला हत्या का भी था.


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पीएम की बात से प्रेरित फैसला
23वीं बटालियन के कमांडेंट यूसुफ कुरैशी का कहना हैं कि पीएम मोदी की मन कि बात से प्रेरित होकर एमपी पुलिस ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि देसी ब्रीड पर कम खर्च आता है. ये स्थानीय मौसम से घुले मिले होते है. ट्रैनिंग के बाद देशी नस्ल के डॉग सुरक्षा,जांच, इंवेस्टिंगेशन टीम के साथ जिम्मेदारी निभाते नजर आएंगे.


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