Seat Analysis: 46 साल से कांग्रेस का अभेद्य किला है ये सीट, इस राजघराने का दबदबा, शिवराज भी हारे
MP Assembly Election: गुना जिले की राघौगढ़ सीट मध्य प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस सीट पर 46 सालों से सिर्फ कांग्रेस का ही कब्जा है. प्रदेश के एक बड़े राजघराने के कब्जे वाली सीट पर इतना प्रभाव है कि यहां से एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चुनाव हार चुके हैं.
MP Assembly Election 2023: गुना जिले की राघौगढ़ सीट मध्य प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस सीट पर 46 सालों से सिर्फ कांग्रेस का ही कब्जा है. प्रदेश के एक बड़े राजघराने के कब्जे वाली सीट पर इतना प्रभाव है कि यहां से एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चुनाव हार चुके हैं. इस सीट पर कोई और नहीं, बल्कि कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चौहान का कब्जा है. यहां से 1977 में दिग्विजय सिंह ने पहली बार चुनाव जीता तब से यह सिलसिला कायम है.
पिछले 10 विधानसभा चुनाव में राघौगढ़ में दिग्विजय सिंह, उनके परिवार का कोई सदस्य या उनके समर्थन वाला नेता ही चुनाव जीत सका है. वर्तमान इस सीट से दिग्विजय सिंह के पुत्र और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह विधायक हैं. जयवर्धन ने यहां से 2 बार चुनाव जीत चुके हैं. आखिरी चुनाव में जयवर्धन ने भाजपा के भूपेंद्र रघुवंशी को रिकॉर्ड 46,697 वोटों से हराया था. साल 2018 में यहां रिकॉर्ड 76.68% वोटिंग हुई थी.
साल | विधायक | पार्टी |
1962 | दुलीचंद | कांग्रेस |
1967 | पी. लालाराम | स्वतंत्र पार्टी |
1972 | हरलाल शाक्यवार | भारतीय जनसंघ |
1977 | दिग्विजय सिंह | कांग्रेस |
1980 | दिग्विजय सिंह | कांग्रेस |
1985 | मूल सिंह | कांग्रेस |
1990 | लक्ष्मण सिंह | कांग्रेस |
1993 | लक्ष्मण सिंह | कांग्रेस |
1998 | दिग्विजय सिंह | कांग्रेस |
2003 | दिग्विजय सिंह | कांग्रेस |
2008 | मूल सिंह (दादा भाई) | कांग्रेस |
2013 | जयवर्धन सिंह | कांग्रेस |
2018 | जयवर्धन सिंह | कांग्रेस |
वोटर्स और जातिगत समीकरण
चुनाव आयोग की ओर से 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक राघौगढ़ में कुल 2,06,722 से ज्यादा वोटर्स हैं, जिसमें 1,09,472 से ज्यादा पुरुष वोटर्स और 97,249 से ज्यादा महिला वोटर्स हैं. खास बात यह है कि राघौगढ़ एक ऐसी सीट है, जहां हर वर्ग का मतदाता जीत-हार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. जिसकी वजह से यहां किसी एक वर्ग को साधकर चुनाव जीतना भी मुश्किल होता है.
शिवराज भी हारे थे यहां चुनाव
1977 से राघौगढ़ सीट दिग्विजय सिंह के परिवार के सदस्यों या उनके अभिषिक्त उम्मीदवारों के पास है और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने बाद के पांच चुनावों में एक को छोड़कर सभी अवसरों पर अपनी जमानत खो दी थी. दिलचस्प बात यह है कि राघौगढ़ विधानसभा सीट से वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2003 में चुनाव हार चुके हैं.