सचिन गुप्ता/ छिंदवाड़ा: बीते एक दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के कुछ मजदूरों को यूपी में बंधक बनाए जाने की खबर सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद जब प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई तो मजदूरों को छुड़ा लिया गया. इसी सी मिलती जुलती खबर अब मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा (Chhindwara Laborers Release) से सामने आई है. बता दें कि यहां के हरई क्षेत्र के रहने वाले 19 मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बना लिया था पर जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए इन मजदूरों को छुड़वा लिया है. इन मजदूरों को घर से कहीं और कहकर लेकर जाया गया था. 


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अमरावती के नाम पर सतारा
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि एक महिला और पुरुष द्वारा हर्रई ब्लॉक के भैंसखो पंचायत से 19 मजदूरों को 400 रूपए की मजदूरी का लालच देकर महाराष्ट्र के अमरावती ले जाया गया था. इसके बाद उन्हें दूसरे एजेंट के द्वारा सातारा जिला भेज दिया गया था. वहां पर उन्हें तयशुदा मजदूरी न देकर नाम मात्र की मजदूरी दी जा रही थी. इसके साथ ही उन्हें वहां पर बंधक बनाकर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था और काम खत्म होने के बाद ही वहां से मुक्त करने की बात की जा रही थी. जिसकी वजह से मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. 


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कराया गया मुक्त 
लगातार अपने साथ हो रहे अत्याचार को देखते हुए मजदूरों ने अपने गांव वालों से संपर्क किया. गांव वालों ने सक्रियता दिखाते हुए मामले को पुलिस प्रशासन तक पहुंचाया और इस पर अमल करते हुए छिंदवाड़ा प्रशासन ने सतारा प्रशासन से संपर्क किया. जिसके बाद  मजदूरों को मुक्त कराकर छिंदवाड़ा लाया गया जहां से इन्हें इनके गांव वापस भेज दिया गया है. 


छत्तीसगढ़ में भी सामने आया था मामला 
बीते दिन उत्तर प्रदेश के बागपत में छत्तीसगढ़ से काम करने गए मजदूरों को बंधक बना लिया गया था. इसको संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ के PCC चीफ दीपक बैज ने CM विष्णु देव साय को पत्र लिखकर उन्हें रिहा कराने की अपील की थी. इस पर अमल करते हुए सीएम ने निर्देश दिया और इन मजदूरों को वापस छुड़ा कर छत्तीसगढ़ लाया गया.