रंजीत बारठ/सुकमा: नक्सलियों के शहीद सप्ताह के अंतिम दिन एक अलग सी तस्वीर उनके प्रभुत्व वाले इलाके से सामने आई हैं. जिसमें सुरक्षबलों के पास ग्रामीण बेखौफ होकर पहुंच रहें हैं. मिनपा गांव एक ऐसा नाम जहां पिछले साल नक्सल घटना में 17 जवानों की शहादत हुई थी. यह इलाका पूर्ण रूप से रेड कॉरिडोर यानी कि नक्सलियों के प्रभुत्व वाला इलाका माना जाता रहा हैं, लेकिन इसी साल यहां पर सुकमा पुलिस व सुरक्षाबलों ने कैम्प स्थापित करने में सफलता हासिल की और इसका असर भी अब देखने को मिला हैं.


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दरअसल बुधवार को 35 से 40 बच्चें स्वेक्षा से कैम्प पहुंचे और जवानों से बात की. कोबरा 206 बटालियन कमांडेंट सुनीत वारसने के नेतृत्व में कंपनी कमांडर रंजीत मंडल से सभी स्कूली बच्चों का स्वागत किया. विनिंग हार्ट एंड माइंड अभियान के तहत बच्चों को किताब, कॉपी, पेन, पेंसिल, स्कूली बैग आदि का वितरण किया. कमांडर रंजीत मंडल से बच्चों से बहुत देर तक बात की जिससे बच्चें काफी खुश नजर आए.


विनिंग हार्ट एंड माइंड अभियान चलाया
विनिंग हार्ट एंड माइंड अभियान को ध्यान में रखते हुए यूनिफॉर्म फोर्सेस ने इस इलाके में रहने वाले लोगों का मन जीतने के लिए कई सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाएं. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आज यहां के रहने वाले लोगों ने मीनपा कैंप पे अपना विश्वास दिखाया और बिना किसी निमंत्रण के कैंप की ओर रुख कर यह बताया कि यहां की आम जनता सुरक्षाबलो के साथ हैं. कैम्प खुलने के बाद इस इलाके में विकास की रफ्तार भी तेज होने लगी हैं. पुलिस प्रशासन के सहयोग से सड़क का निर्माण किया जा रहा हैं. स्वास्थ्य सुविधा भी बेहतर करने प्रशासन प्रयासरत हैं.


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जवानों पर विश्वास जता रहे ग्रामीण
बता दें कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र से यह तस्वीर उस वक़्त सामने आई हैं. जब नक्सल 28 जुलाई 2021 से 3 अगस्त 2021 तक शहीद सप्ताह के नाम पर यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि सरकार और पुलिस यहां की जनता के खिलाफ हैं. वहीं ग्रामीण एवं बच्चों का मिनपा कैंप पर विश्वास यह बताता है कि नक्सलियों का पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ यह प्रचार बिल्कुल ही निरर्थक है.


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