CG News: दंतेवाड़ा में IED ब्लास्ट, नारायणपुर में 5 किलो के IED बम के साथ एक नक्सली ने किया सरेंडर, पुलिस ने बताई बड़ी वजह
Naxalite Surrender in Narayanpur: छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र नारायणपुर में एक नक्सली ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. नक्सली ने 5 किलो आईडी बम के साथ आत्मसमर्पण किया. वहीं दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट की घटना सामने आई.
Chhattisgarh News In Hindi: छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र नारायणपुर जिले की पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल हुई है. भैरमगढ़ में सक्रिय नक्सली ने एसपी के समक्ष 5 किलो आईडी बम के साथ आत्मसमर्पण किया. 5 किलो आईडी बम को सुरक्षित निष्क्रिय कर दिया गया. वहीं आत्मसमर्पित नक्सली को 25 हजार की प्रोत्साहन राशि के साथ 3 हजार रुपए आईडी बम के लिए अतरिक्त प्रोत्साहन राशि दी गई.
आत्मसमर्पण करने के पीछे बताई ये वजह
एएसपी ने बताया कि,भैरमगढ़ एरिया कमेटी के सक्रीय सदस्य ने नारायणपुर पुलिस के सामने सरेंडर किया है. नक्सलियों की खोखली विचार धारा से त्रस्त आकर नक्सली आत्मसमर्पित कर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर जीने की चाह रखने लगे है. इसी कड़ी में भैरमगढ़ एरिया में सक्रिय नक्सली ने आज आत्मसमर्पण किया है. नक्सली जब सरेंडर करने पहुंचा तो उसके पास पांच किलो का IED बम भी था. बता दें कि सरेंडर करने वाला नक्सली नारायणपुर में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है.
नक्सलियों ने टांगे बैनर पोस्टर
दूसरी तरफ नक्सलियों ने नारायणपुर छोटेडोंगर मार्ग पर बड़गांव पुल पर पत्थर रखकर बैनर पोस्टर टांगे. नक्सलियों ने भारी मात्रा में नक्सली पर्चे भी फेंके. इन हरकतों से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है.
दंतेवाड़ा में IED ब्लास्ट
पीएलजीए सप्ताह के दौरान बैनर पोस्टर हटाने के दौरान सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए है. बैनर पोस्टर निकालने के दौरान अचानक से आईईडी विस्फोट हुआ. बता दें कि बारसूर पल्ली मार्ग के सातधार 195 बटालियन के जवान ब्रिज के पास लगे बैनर पोस्टर को निकाल रहे थे तभी आईईडी ब्लास्ट हुआ.फिलहाल दोनों जवान खतरे से बाहर है.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव रद्द करने हाईकोर्ट में याचिका, चुनाव आयुक्त पर केस दर्ज की भी मांग, जानिए मामला
आज से पीएलजीए सप्ताह मानने का ऐलान
आज यानि 2 से 8 दिसंबर तक नक्सलियों ने पीएलजीए सप्ताह मानने का ऐलान किया है. पीएलजीए को पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी कहा जाता है. हर साल 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक अपने इन पीएलजीए के सदस्यों के मारे जाने की याद में नक्सली इस सप्ताह को मनाते हैं. नक्सलियों ने इस संगठन की स्थापना साल 2000 में की थी. इस सप्ताह में नक्सली बैठक करते हैं और दौरान सुरक्षाबलों पर हमले की रणनीति भी बनाई जाती है. इसके अलावा हथियारों की सप्लाई और सालभर में हुए फायदों नुकसान सभी तरह के विषयों पर चर्चा की जाती है.
रिपोर्ट- हेमन्त संचेती