अंशुल मुकाती/इंदौर: इंदौर में शराब माफियाओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगेगा. इंदौर जिला प्रशासन ने इसके आदेश दे दिए हैं. आबकारी और पुलिस को अवैध शराब के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए भी कहा है. इंदौर में जहरीली पीने से 5 लोगों की मौत के बाद इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह सख्त हो गए हैं. 


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कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए नकली शराब बनाने वाले और सप्लायर के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं. इंदौर कलेक्टर ने कहा है कि जिले में यदि ढाबों पर अवैध शराब बिकती है तो उस पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी भी निचले स्तर के अधिकारियों की होती है. ढाबों पर बिक रही शराब के एक्साइज के एडीओ, एसआई, टीआई चाहें तो नहीं बिक सकती.


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कलेक्टर ने कहा कि अंग्रेजी शराब में मिलावट के मामले में एक्साइज व पुलिस की जांच में जो फैक्ट सामने आए हैं वे बहुत गंभीर हैं. अभी तक ऐसा कहीं सुनने को मिलता था कि कोई नकली बॉटलिंग करें या कोई इंडस्ट्रिल स्प्रिट लेकर आने लगे. पुलिस ने जो जांच की है और एक्साइज डिपार्टमेंट ने खातीवाला टैंक से जिस व्यक्ति को भारी शराब के मामले में पकड़ा था उसकी जांच हो रही है. पहले मोरटक्का व खंडवा में शराब की अवैध यूनिट पकड़ी थी. इसके पहले महू में भी पकड़ी थी. इसमें लिप्त लोग अवैध तरीके से इण्डस्ट्रियल व अन्य स्प्रिट लाकर उपयोग करते थे जो मापदंड के अनुसार नहीं रहती. यह शराब स्वास्थ्य के लिए रिस्की हो जाती है. इसके लिए कार्रवाई करना बहुत जरूरी है.


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कलेक्टर ने कहा कि ऐसे बार्स जो लाइसेंसी हैं, उन्हें अंग्रेजी शराब रखना चाहिए. एक्साइज के डिप्टी कमिश्नर के कंट्रोल में वेयर हॉउसेस रहते हैं. वहां सीधे मेन्युफेक्चरिंग यूनिट से शराब आती है. इसलिए वहां मिलावटी शराब की संभावना नहीं रहती. अभी अधिकांश बार या या ढाबा संचालक अन्य स्थानों से शराब लेते हैं, जिससे ऐसे हालात बनते हैं. मामले में लिप्त रहे बार संचालकों और अन्य आरोपी जो पकड़े गए हैं, उन पर रासुका की कार्रवाई की जा रही है. ये वे लोग हैं जो अवैधानिक तरीके से बॉटलिंग करते थे.


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