Pandhana Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. निमाड़ क्षेत्र में आने वाली पंधाना विधानसभा सीट पर सालों से भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है. यह सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. इस सीट की खास बात ये है कि यहां से कोई भी विधायक दूसरी बार चुनाव नहीं जीत सका हैं. फिलहाल इस सीट से बीजेपी के राम दांगोरे विधायक हैं. पंधाना विधानसभा का ग्राम बड़ौदा अहीर जननायक टंट्या मामा की जन्मभूमि है.  तो चलिए जानते हैं, पंधाना सीट का क्या समीकरण है.


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पंधाना सीट का जातिगत समीकरण
पंधाना सीट पर कुल 2 लाख 75 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. इस सीट पर जातिगत समीकरण काफी अहम माना जाता है. क्योंकि यहां भील समाज के 45 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. वहीं अनुसूचित जाति के ही करीब 40 हजार, 35 हजार कुनबी, 25 हजार राजपूत और 16 हजार मुस्लिम वोटर हैं. 


पंधाना सीट का राजनीतिक इतिहास
खंडवा जिले की पंधाना विधानसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. यहां बीते तीन चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है. कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत साल 1998 में मिली थी. लेकिन उसके बाद से यहां बीजेपी का कब्जा है. यहां पिछले तीन चुनाव की बात करें तो तीनों ही चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवार जीते हैं. यह सीट बीजेपी के दबदबे वाली है, लेकिन इस सीट से कोई विधायक रिपीट नहीं हुआ है. लेकिन देखना होगा कि क्या बीजेपी राम दांगोरे पर फिर विश्वास जताती है, या फिर कोई दूसरा उम्मीदवार इस सीट से दिखाई देता है.


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पंधाना की आबादी और वोटर्स 
2018 के चुनाव के मुताबिक पंधाना की विधानसभा सीट पर वोटर्स की संख्या 2, 42, 076 थी, जिसमें से पुरुष मतदाता 1, 25842 और महिला मतदाता 1, 16, 231 शामिल थीं. 


2018 में कैसा रहा था परिणाम
साल 2018 के विधासनभा चुनाव में पंधाना से बीजेपी के राम दांगोरे ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस की छाया मोरे को करीब 23 हजार 750 वोटों से हराया था. इस चुनाव में राम दांगोरे को 91 हजार 844 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस की छाया मोरे को 68 हजार 94 वोट मिले थे.