Khandwa Vidhan Sabha Seat: मध्यप्रदेश के निमाड़ में आने वाली खंडवा की सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. यहां कांग्रेस को आखिरी बार 1985 में जीत मिली थी. अब देखना होगा कि क्या 2023 में कांग्रेस यहां अपनी झंडा गाढ़ पाती है या नहीं.
Trending Photos
Khandwa Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. निमाड़ क्षेत्र में आने वाली खंडवा विधानसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट से बीजेपी के देवेंद्र वर्मा लगातार 3 बार से यहां विधायक हैं. वहीं कांग्रेस को 1985 के बाद से यहां पर पहली जीत का इंतजार है. ऐसे में इस सीट के सियासी इतिहास और राजनीतिक समीकरण के बारें में हम आपको बताने जा रहे हैं.
खंडवा का जातिगत समीकरण
खंडवा विधानसभा में बलाही, मुस्लिम और ब्राह्मणों के वोट निर्णायक माने जाते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी इस संतुलन को बनाए रखना चाहती है. खंडवा विधानसभा में कुल 2,46,064 वोटर हैं. इनमें से 41 हजार बलाही समाज, 34 हजार मुस्लिम और 32 हजार ब्राह्मण वोटर हैं. वहीं दो अगस्त 2023 तक की गिनती अनुसार 2,66,818 मतदाता है, जिसमें पुरुष मतदाता 1,35,684 हैं तो महिला मतदाताओं की संख्या 1,31,107 हैं.
खंडवा सीट का राजनीतिक इतिहास
बता दें कि देवेंद्र वर्मा से पहले खंडवा की सीट से बीजेपी के ही हुकुमचंद यादव विधायक हुआ करते थे. उस समय ये सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थी. लेकिन अब ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. जिस पर भी बीजेपी का कब्जा है. देवेंद्र वर्मा साल 2008 से ही यहां के विधायक है.
2008 से देवेंद्र वर्मा का दबदबा
वहीं खंडवा विधासनभा सीट के लिए राजनीतिक इतिहास को देखें तो 1990 के बाद से ही कांग्रेस को यहां जीत नहीं मिली है. कांग्रेस ने आखिरी बार 1985 में जीत मिली थी. फिर 1990 से 2018 तक यहां बीजेपी जीतते आ रही है. ये कहने में कोई दोहराई नहीं कि अब खंडवा विधानसभा बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. 1998 और 2003 के चुनाव में बीजेपी के हुकुम चंद यादव जीते तो वहीं 2008 के बाद से अब तक 3 बार देवेंद्र वर्मा यहां से विधायक है.
2018 में कैसा नतीजा?
2018 के विधानसभा चुनाव में खंडवा विधानसभा सीट पर सबकी नजरें थी. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कुंदन मालवीय को 57,986 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी कैडिंडेट देवेंद्र वर्मा को 77,123 वोट मिले थे. इस तरह बीजेपी को 19,137 वोटों से जीत मिली थी. अब देखना होगा कि क्या देवेंद्र वर्मा चौथी बार चुनकर आते हैं या फिर यहां का परिवर्तन देखने को मिलेगा.