भगवान और राजाओं से जुड़ा है MP की इन जनजातियां का इतिहास, जानकर हो जाएंगे हैरान

Madhya Pradesh Tribes: मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है. यह एक ऐसा राज्य में जहां कई तरह की जनजातियां भी रहती हैं. इन जनजातियों का इतिहास बहुत पुराना है और इनकी परंपराएं अनोखी हैं. इस प्रदेश की जनसंख्या का लगभग 20.10%, जनजातीय हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 1.53 करोड़ जनसंख्या यहां रहती है.

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एमपी की प्रमुख जनजातियां

मध्य प्रदेश की जनसंख्या का लगभग 20.10%, जनजातीय लोग यहां रहते हैं. म.प्र की प्रमुख जनजातियां है. गोण्ड, भील, कोरकू, बैगा, सहरिया, कोल, भारिया, गोवारी और हल्बी जातियां है.  

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भील जनजाति

भील भारत और पाकिस्तान में निवास करने वाली एक जनजाति का नाम है. यह देश की सर्वाधिक क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है. इनको भारत का बहादुर धनुष पुरुष और योद्धा भी कहते हैं. कहते हैं कि भील जनजाति भगवान महादेव और माता पार्वती के वंशज हैं. 

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बैगा जनजाति

बैगा, भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में पाई जाने वाली जनजाति है. मध्य प्रदेश के मंडला डिंडोरी और बालाघाट जिलों में बैगा समुदाय के लोग यहां बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं. इस जनजाति का संबंध द्रविड़ परिवार से है यानी भारत के दक्षिण प्रांत से ताल्लुख रखते हैं. 

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सहरिया जनजाति

सहरिया भारत की एक प्रमुख जनजाति है. ये मध्य प्रदेश के पठार में निवास करती है. ग्वालियर-चम्बल के जिलो जैसे श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर में सहरिया आदिवसियों की बड़ी आबादी वहां रहती है. यह जनजाति राजस्थान के बारन जिले में भी पाई जाती है. सहरिया लोग खुद को भील आदिवासियों का भाई मानते हैं. 

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भारिया जनजाति

दक्षिण मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा शहर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह विशालकाय घाटी काधरातल लगभग 3000 फीट नीचे यह जनजाति रहती है. इन आदिवासियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. ये आदिवासी घने जंगलों, ऊंची-नीची घाटियों पर चलते हैं. इनके मुख्य देवता बूढादेब दूल्हादेव नागदेवता हैं.

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गोंड जनजाति

गोंड समुदाय भारत की एक प्रमुख प्राचीन समुदाय है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का उत्तरी हिस्सा पहले के समय में गोंडवाना लैंड के नाम से जाना जाता था. यहां  गोंड राजा राज किया करते थे. यह समुदाय गोंडवाना राजाओं के वंशज हैं. 

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गोवारी जनजाति

गोवारी समुदाय एक भारतीय पशुपालक या चरवाहों की जाति है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में निवास करती है. यह समुदाय 700 से अधिक आदिवासी समूहों में से एक है. गोवारियों के प्रमुख देवता कोडे कोडवान या देवता पूर्वज हैं, जिनकी पूजा वार्षिक उत्सवों और शादियों के दौरान की जाती है.

 

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