Pune Accident Case: पुणे के हाई प्रोफाइल हिंड एंड रन केस में मंगलवार को नया मोड़ आ गया है. जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी नाबालिग को 15 घंटे के अंदर जमानत दे दी, लेकिन पुलिस ने उसके पिता और शहर के नामी बिल्डर विशाल अग्रवाल को औरंगाबाद से गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा आरोपी ने एक्सीडेंट से पहले जिस पब में शराब पी थी, उसके मालिक और मैनेजर को भी गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को टक्कर में मारे गए दोनों इंजीनियरों का अंतिम संस्कार किया गया. दोनों के शव सोमवार को मध्य प्रदेश आ गए थे.


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19 मई की रात हुई घटना में जान गंवाने वाले दोनों ही लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. युवती अश्विनी कोष्टा जबलपुर की रहने वाली थी, जबकि युवक अनीश अवधिया उमरिया का रहने वाला था. दोनों पुणे में आईटी कंपनी में जॉब करते थे. देर रात बाइक से किसी समारोह में शामिल होकर वापस लौट रहे थे. तभी पोर्शे कार से अग्रवाल के नाबालिग बेटे ने बाइक को टक्कर मार दी. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि घटना के वक्त पोर्शे का करीब 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार में थी. नाबालिग आरोपी को जमानत मिलने के बाद सोशल मीडिया पर लोग ज्यूडिशियल सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं. 


शराब पीने का वीडियो वायरल
आरोपी ने जिस पब में बैठकर शराब पी थी, उसके मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है. इधर, अब सोशल मीडिया पर आरोपी के शराब पीने का वीडियो वायरल हो रहा है. आरोपी 12वीं की परीक्षा पास करने पर अपने दोस्तों के साथ पब से पार्टी करके लौट रहा था. जुवेनाइल बोर्ड ने एक्सीडेंट पर 300 शब्दों का निबंध लिखवाने को बाद उसे जमानत दे दी. इसको लेकर परिजन और लोग न्याय की गुहार लगा रहे हैं. अभी आरोपी की उम्र 17 साल 8 महीने है. पुणे पुलिस ने कहा है कि उन्होंने बोर्ड से आरोपी पर वयस्क के रूप में केस चलाने की परमिशन मांगी थी, लेकिन याचिका खारिज कर दी. पुलिस इसके खिलाफ अब सेशन कोर्ट में जाएगी. 


परिजनों ने लगाए आरोप
अनीश और अश्विनी दोनों की शव घर पहुंच गए हैं. अनीस अवधिया के परिजनों का आरोप है कि महाराष्ट्र पुलिस आरोपी नाबालिग के उद्योगपति पिता के दबाव में कार्रवाई कर रही है. परिजनों ने इस मामले सभी आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. अनीस के मामा ज्ञानेद्र सोनी जो शव लेने महाराष्ट्र पुणे पहुंचे थे. उन्होंने अनीश का शव हैंडओवर करने के मामले में अस्पताल प्रबंधन के ऊपर लापरवाही बरतने और सहयोग न करने का आरोप लगाया.